नई दिल्ली, 31 मई।
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में एक्टिव केसों की संख्या 3,207 तक पहुंच गई है, जिनमें से सबसे ज़्यादा 1,147 केस अकेले केरल में हैं। महाराष्ट्र 681 एक्टिव केसों के साथ दूसरे स्थान पर है। इन दोनों राज्यों में देश के कुल मामलों का लगभग 60% हिस्सा मौजूद है।
केरल और महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित
केरल में लंबे समय से संक्रमण नियंत्रण में माना जा रहा था, लेकिन हाल के दिनों में वहां मामलों में अचानक उछाल देखने को मिला है। वहीं, महाराष्ट्र में शुक्रवार को 84 नए केस दर्ज किए गए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस का नया स्वरूप, बदलता मौसम और सतर्कता में कमी, संक्रमण बढ़ने के पीछे प्रमुख कारण हो सकते हैं।
मृतकों की संख्या 20, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें
अब तक कोरोना से 20 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे ज्यादा 6 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। कर्नाटक के मैसूर में शुक्रवार को 63 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत हुई, जो राज्य में तीसरी मौत है।
अन्य राज्यों में हुई मौतों की संख्या इस प्रकार है:
- केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुल 13 मौतें
- दिल्ली, गुजरात, पंजाब और तमिलनाडु में एक-एक मौत की पुष्टि 31 मई को की गई है।

कर्नाटक सरकार की सतर्कता: बच्चों को लेकर सर्कुलर जारी
कर्नाटक में मामलों में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने एक नया सर्कुलर जारी किया है। इसमें माता-पिता से अपील की गई है कि यदि बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार या कोविड जैसे लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें स्कूल न भेजा जाए। सरकार का मानना है कि सतर्कता ही संक्रमण के फैलाव को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है।
विशेषज्ञों की सलाह: लक्षण नजर आते ही जांच कराएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराने, मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और हाथों की नियमित सफाई करने की सलाह दी है।
भले ही कोरोना अब महामारी नहीं रहा, लेकिन लापरवाही अभी भी जानलेवा साबित हो सकती है।
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