- देश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या हुई 1252
- महाराष्ट्र में कोविड से अभी तक हुई सबसे ज्यादा मौत
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस की वापसी के संकेत अब और स्पष्ट हो गए हैं। बीते कुछ दिनों में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 1252 तक पहुंच गई है। जबकि देश में कोरोना से अब तक कुल 13 मौतें दर्ज की गई हैं। विशेषज्ञ इसे कोई बड़ी लहर नहीं मान रहे, लेकिन राज्यों में सतर्कता और निगरानी के संकेत बढ़ने लगे हैं।
केरल और महाराष्ट्र में सर्वाधिक सक्रिय मामले
अब तक केरल में सबसे ज्यादा 430 एक्टिव केस मिले हैं। वहीं महाराष्ट्र 325 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जिनमें से 316 केस अकेले मुंबई में सामने आए हैं। यह स्थिति दो राज्यों में फिर से निगरानी बढ़ाने का संकेत देती है।
कोरोना से हुईं 13 मौतें, टीबी और बुजुर्गों में संक्रमण खतरनाक
हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति की चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई। मरीज लुधियाना में कार्यरत था और सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। जयपुर, ठाणे और बेंगलुरु में भी कोविड से मौतें दर्ज हुईं। जयपुर में 26 मई को दो लोगों की मौत, ठाणे में 21 वर्षीय युवक और महिला की मौत, और बेंगलुरु में 84 वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु के बाद उसकी रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव निकली। विशेषज्ञों के मुताबिक, जिन लोगों को टीबी, मल्टी ऑर्गन फेल्योर या अन्य गंभीर बीमारियां हैं, उनमें यह वायरस घातक साबित हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर विशेष सतर्कता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 29-30 मई के यूपी-बिहार दौरे को देखते हुए केंद्र और राज्यों का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिहाज से तय किया गया है कि उनके 100 मीटर के दायरे में मौजूद सभी लोगों की कोविड जांच अनिवार्य होगी। इसके लिए संबंधित जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
भारत में मिले चार नए वैरिएंट, फिलहाल खतरे की आशंका नहीं
ICMR के निदेशक डॉ. राजीव बहल के अनुसार, भारत में कोविड-19 के चार नए वैरिएंट LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सामने आए हैं। ये वैरिएंट मुख्य रूप से दक्षिण और पश्चिम भारत से मिले हैं। फिलहाल इनसे जुड़े मामलों में कोई खास गंभीरता नहीं है, लेकिन सतर्कता और जीनोम सीक्वेंसिंग का काम तेज कर दिया गया है।
क्या करें आम लोग?
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन मास्क, दूरी और लक्षण दिखने पर जांच जैसे बुनियादी उपाय अब भी जरूरी हैं। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।