- भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 7154 तक पहुंच गई है और बीते एक हफ्ते में औसतन 400 नए केस प्रतिदिन सामने आ रहे
नई दिल्ली/मुंबई/तिरुवनंतपुरम। देश में कोरोना वायरस एक बार फिर सतर्कता की घंटी बजा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 7154 तक पहुंच गई है और बीते एक हफ्ते में औसतन 400 नए केस प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। हालांकि बुधवार को नए मामलों की संख्या घटकर 33 रही, लेकिन इस सप्ताह वायरस से 30 मौतें दर्ज की गई हैं। अब तक कोरोना के नए वैरिएंट से 77 जानें जा चुकी हैं। केरल में सबसे ज्यादा 2165 केस हैं, जबकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में भी संक्रमण से मौतों की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 21 मौतें दर्ज की गई हैं, वहीं गुजरात सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए सर्दी-खांसी या गले में दर्द होने पर लोगों से खुद को क्वारंटीन करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री से मिलने वालों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले सभी मंत्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने एहतियातन यह कदम उठाया है, ताकि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित की जा सके।
भारत में कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट मिले
कोरोना के नए मामलों में वृद्धि के पीछे वायरस के नए रूप जिम्मेदार माने जा रहे हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने जानकारी दी है कि भारत में अब तक चार नए वैरिएंट—LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1—की पहचान हो चुकी है। ये वैरिएंट दक्षिण और पश्चिम भारत के संक्रमित मरीजों के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान पाए गए हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इनमें से NB.1.8.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H और T478I जैसे म्यूटेशन हैं, जो इसे अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक बनाते हैं। इन वैरिएंट्स पर पूर्व में बनी इम्यूनिटी का असर भी कम होता है। JN.1 भारत में फिलहाल सबसे आम वैरिएंट है, जो 50 प्रतिशत से ज्यादा सैंपलों में पाया गया है। इसके अलावा BA.2 और ओमिक्रॉन सबलाइनेज के केस भी सामने आ रहे हैं।
WHO की निगरानी में लेकिन घबराने की जरूरत नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन नए वैरिएंट्स को ‘वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ श्रेणी में रखा है। हालांकि, WHO और ICMR दोनों ने स्पष्ट किया है कि ये वैरिएंट फिलहाल ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में नहीं आते, इसलिए घबराने की नहीं, सतर्क रहने की ज़रूरत है।
गुजरात सरकार अलर्ट पर, केंद्र से संपर्क में
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि सर्दी-खांसी और गले में खराश होने पर लोगों को सार्वजनिक स्थानों से बचने और स्वयं को आइसोलेट करने की सलाह दी गई है। राज्य सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और केंद्र सरकार से लगातार संपर्क में है।
सावधानी और सतर्कता ही बचाव का रास्ता
हालांकि इस बार के वैरिएंट्स की तीव्रता पहले जैसी नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस की बदलती प्रकृति के कारण टेस्टिंग, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों को फिर से अपनाना जरूरी हो गया है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क का उपयोग और बुजुर्गों व बीमार लोगों के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतना ही संक्रमण से बचाव का मुख्य उपाय है।