भोपाल। जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह के विवादित बयान को लेकर मध्यप्रदेश की राजनीति में तूफान मचा हुआ है। शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल ने मंत्री शाह के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराते हुए राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। विधायक काले कपड़े पहनकर नारेबाज़ी करते रहे और राज्यपाल मंगूभाई पटेल को ज्ञापन सौंपकर मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।

हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, FIR के आदेश
मामला तब और गंभीर हो गया जब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने मंत्री शाह के बयान पर स्वतः संज्ञान लिया।
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने राज्य के डीजीपी को आदेश दिया कि वे मंत्री शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें।
इसके बाद मंत्री के खिलाफ धारा 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के तहत केस दर्ज किया गया है।
कांग्रेस ने उठाई बर्खास्तगी की मांग
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने पहुंचा। ज्ञापन सौंपने के बाद सिंगार ने कहा,
“जब तक विजय शाह इस्तीफा नहीं देते या उन्हें बर्खास्त नहीं किया जाता, हम धरना देते रहेंगे।”
राजभवन के बाहर कांग्रेस विधायकों ने काले कपड़ों में नारेबाज़ी कर अपना विरोध दर्ज कराया।

विरोध की लहर: गुरुवार को भी कई शहरों में प्रदर्शन
इससे पहले गुरुवार को भी कांग्रेस ने भोपाल सहित प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन किया था। कांग्रेस का कहना है कि मंत्री का बयान न केवल असंवेदनशील और आपत्तिजनक है, बल्कि यह समाज में वैमनस्य फैलाने वाला भी है।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को घेरा
इस पूरे विवाद पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पलटवार करते हुए कहा,
“कांग्रेस को पहले अपने नेताओं से इस्तीफा मांगना चाहिए, जैसे कि सिद्धारमैया से, जिनके शासन में कई विवाद हुए।”
उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि वह खुद अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं के साथ खड़ी है, जो मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए जेल गए।
राजनीतिक गरमाहट तेज
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले समय में और गर्माएगा। कांग्रेस जहां इस मसले को जनभावनाओं से जोड़कर उभारने की कोशिश में है, वहीं बीजेपी फिलहाल रक्षात्मक मुद्रा में दिख रही है।
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