कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 12 करोड़ नकद और 6 करोड़ के गहने जब्त
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र कुमार उर्फ़ ‘पप्पी’ को मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध सट्टेबाजी के गंभीर मामले में गिरफ्तार कर लिया है। एजेंसी ने इस कार्रवाई में 12 करोड़ रुपये नकद (जिसमें लगभग एक करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा भी शामिल है), 6 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण, 10 किलो चांदी और चार लग्जरी वाहन जब्त किए हैं। यह छापेमारी ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़ी अवैध कमाई को लेकर की गई, जिसकी जड़ें कई राज्यों और यहां तक कि दुबई तक फैली बताई जा रही हैं।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
ईडी ने बताया कि वीरेंद्र कुमार और उनके सहयोगी लंबे समय से अवैध ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी का नेटवर्क चला रहे थे। ‘किंग567’, ‘राजा567’, ‘पपीज003’ और ‘रत्ना गेमिंग’ जैसे नामों से कई साइट्स ऑपरेट की जा रही थीं। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए देशभर में करोड़ों का अवैध लेन-देन हो रहा था।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि न सिर्फ़ भारत में, बल्कि दुबई से भी यह नेटवर्क संचालित हो रहा था। विधायक के भाई केसी थिप्पेस्वामी दुबई से ऑनलाइन गेमिंग का संचालन कर रहे थे, जबकि अन्य परिजन और सहयोगी देश के अलग-अलग हिस्सों से इसमें शामिल थे।
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छापेमारी कहां-कहां हुई?
ईडी ने इस पूरे ऑपरेशन के तहत 30 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इनमें प्रमुख जगहें शामिल हैं –
- कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में 6 ठिकाने
- बेंगलुरू शहर में 10 ठिकाने
- राजस्थान के जोधपुर में 3 ठिकाने
- हुबली में 1 ठिकाना
- मुंबई में 2 ठिकाने
- गोवा में 5 प्रमुख कसीनो – पपीज कैसीनो गोल्ड, ओशन रिवर्स कैसीनो, पपीज कैसीनो प्राइड, ओशन 7 कैसीनो और बिग डैडी कैसीनो।
इन सभी जगहों से भारी मात्रा में कैश, आभूषण और कई अहम दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
गंगटोक से हुई गिरफ्तारी
कांग्रेस विधायक वीरेंद्र कुमार को ईडी ने सिक्किम की राजधानी गंगटोक से गिरफ्तार किया। वे अपने कुछ सहयोगियों के साथ एक कसीनो लीज पर लेने के सिलसिले में गंगटोक गए थे। वहीं उन्हें हिरासत में लिया गया और मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद बेंगलुरू लाने के लिए ट्रांजिट रिमांड प्राप्त किया गया।
परिवार और सहयोगी भी घेरे में
ईडी ने बताया कि छापेमारी में विधायक के भाई केसी नागराज और बेटे पृथ्वी एन राज के ठिकानों से भी संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज़ जब्त किए गए। इससे संकेत मिलता है कि पूरा नेटवर्क परिवार और करीबी सहयोगियों की मिलीभगत से चल रहा था।
राजनीतिक हलचल तेज
इस गिरफ्तारी ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस पार्टी फिलहाल बचाव की मुद्रा में दिख रही है, जबकि भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर “भ्रष्टाचार और अपराधियों को संरक्षण देने” का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि जिस पैमाने पर कैश और गहनों की बरामदगी हुई है, उससे साफ है कि यह ‘काले धन और अपराध’ का संगठित तंत्र है।
कानून का शिकंजा
यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत की गई है। यदि आरोप साबित होते हैं तो वीरेंद्र कुमार और उनके सहयोगियों को न केवल लंबी सज़ा हो सकती है, बल्कि उनकी ज़ब्त संपत्तियों पर भी स्थायी रूप से सरकार का कब्ज़ा हो सकता है।
कांग्रेस विधायक पर ईडी की यह बड़ी कार्रवाई सिर्फ़ एक व्यक्ति या परिवार के भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि यह उस संगठित अपराध और सट्टेबाजी नेटवर्क का खुलासा है जो देशभर में जड़ें जमा चुका है। अब देखना होगा कि अदालत में यह मामला किस दिशा में जाता है और क्या कांग्रेस पार्टी अपने विधायक के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई करती है या नहीं।
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