भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के चलते की गई है। कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि लक्ष्मण सिंह को लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसे गंभीरता से लेते हुए निष्कासन का निर्णय लिया गया।
राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला पर विवादित टिप्पणी
लक्ष्मण सिंह ने 24 अप्रैल को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ तीखा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि “राहुल गांधी को सोच-समझकर बोलना चाहिए, वरना पार्टी को चुनावी परिणाम भुगतने होंगे”। इतना ही नहीं, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर आतंकवादियों से संबंध रखने का आरोप भी लगाया था।

खुद दी थी चुनौती: निकालना हो तो निकाल दो
लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व को सीधी चुनौती देते हुए कहा था, “अगर पार्टी को मुझे निकालना है तो आज ही निकाल दे”। उनके इस बयान को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता की चरम सीमा मानते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। सूत्रों के मुताबिक, लक्ष्मण सिंह के लगातार बयान पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे थे और इससे वरिष्ठ नेतृत्व असहज था।
कांग्रेस में भीतरघात और असंतोष की झलक
लक्ष्मण सिंह का निष्कासन सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि पार्टी में जारी भीतरघात और वैचारिक असंतोष की गहरी झलक भी है। दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता के परिवार के सदस्य पर कार्रवाई से यह साफ संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस अब अनुशासन के मामले में सख्त रुख अपनाने जा रही है। हालांकि, इस पर दिग्विजय सिंह की कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पूर्व सांसद और भाजपा से भी जुड़े रह चुके हैं लक्ष्मण
गौरतलब है कि लक्ष्मण सिंह पहले भी कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं, हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस में वापसी की थी। वे विदिशा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं और राज्य की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। उनका कांग्रेस से निष्कासन राजनीतिक हलकों में हलचल मचा सकता है, खासकर चुनावी मौसम में।
स्वदेश ज्योति के द्वारा और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!