October 14, 2025 9:11 PM

कोल्ड्रफ सिरप कांड में नया खुलासा: डॉक्टर को दवा लिखने पर मिलता था 10% कमीशन, कोर्ट ने जमानत अर्जी की खारिज

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छिंदवाड़ा में 25 बच्चों की मौत के मामले में पुलिस की जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच

कोल्ड्रफ सिरप कांड: डॉक्टर को दवा लिखने पर मिलता था कमीशन, कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के चर्चित कोल्ड्रफ कफ सिरप कांड में पुलिस जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। बच्चों की मौत के इस मामले में गिरफ्तार डॉक्टर प्रवीण सोनी ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उन्हें कोल्ड्रफ सिरप लिखने पर दवा कंपनी से 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। यह जानकारी पुलिस ने जिला अदालत को दी है।

दवा कंपनी से कमीशन लेकर जारी रखी बच्चों को सिरप की सलाह

पुलिस के अनुसार, आरोपी डॉक्टर ने यह भी स्वीकार किया है कि बच्चों में मूत्र और गुर्दे से जुड़ी गंभीर समस्याएं सामने आने के बावजूद उन्होंने सिरप की सलाह देना बंद नहीं किया। यह लापरवाही सीधे तौर पर बच्चों की मौतों में योगदान करती है।
कोर्ट में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टर ने केंद्र सरकार की वर्ष 2023 की उस गाइडलाइन का पालन नहीं किया, जिसमें चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने का स्पष्ट निर्देश था।

चिकित्सीय नैतिकता का गंभीर उल्लंघन

पुलिस ने इसे “चिकित्सा नैतिकता और कर्तव्य का आपराधिक उल्लंघन” बताया है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी डॉक्टर के निजी क्लीनिक के बगल में उनके परिजनों का मेडिकल स्टोर है, जो कोल्ड्रफ सिरप का मुख्य स्टॉकिस्ट था। यानी सिरप की बिक्री और डॉक्टर के निजी लाभ दोनों का सीधा संबंध परिवारिक स्तर पर जुड़ा हुआ था। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने मरीजों की सुरक्षा की जगह आर्थिक लाभ को प्राथमिकता दी, जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

कोर्ट ने जमानत आवेदन खारिज किया

जिला अदालत ने डॉक्टर प्रवीण सोनी की नियमित जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विवेचना अभी अधूरी है और अभियुक्त के खिलाफ लगे आरोप अत्यंत गंभीर हैं। अदालत ने यह भी आशंका जताई कि यदि अभियुक्त को रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है या साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकता है।

होलसेलर और रिटेलर भी बने सह-आरोपी

पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में अब दवा के होलसेलर और रिटेलर को भी सह-आरोपी बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार, न्यू अपना फार्मा के संचालक राजेश सोनी और परासिया स्थित अपना मेडिकल स्टोर के केमिस्ट सौरभ जैन पर जांच में सहयोग न करने और साक्ष्य छिपाने का आरोप है।
ड्रग विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों ने न केवल सिरप की बिक्री का रिकॉर्ड छिपाया, बल्कि बची हुई बोतलें भी जांच टीम को नहीं सौंपीं। पुलिस ने इसे साक्ष्य मिटाने की कोशिश बताया है।

जांच टीम ने जब्त नहीं कराई शेष बोतलें

रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि पुराना पावर हाउस क्षेत्र में स्थित न्यू अपना फार्मा के संचालक राजेश सोनी ने कोल्ड्रफ सिरप की बिक्री का लेखा-जोखा नहीं रखा और बची हुई बोतलें भी जब्त नहीं कराईं। यही गलती डॉ. सोनी के क्लीनिक से सटे अपना मेडिकल स्टोर के केमिस्ट सौरभ जैन ने भी की।
ड्रग विभाग के अनुसार, इन सभी कार्यवाहियों से न केवल जांच प्रक्रिया प्रभावित हुई बल्कि यह भी साबित होता है कि जानलेवा सिरप की बिक्री के पीछे एक संगठित आर्थिक लाभ की श्रृंखला काम कर रही थी।

श्रेसन फार्मा के मालिक से जारी पूछताछ

इधर, पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी श्रेसन फार्मा के मालिक और निदेशक गोविंदन रंगनाथन को तमिलनाडु से हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने बताया कि ड्रग विभाग ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें दवा निर्माण से लेकर वितरण तक की गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।

बच्चों की मौत पर सख्त रुख

इस पूरे प्रकरण ने छिंदवाड़ा सहित पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त जांच टीम ने यह माना है कि यदि समय पर चेतावनी दी जाती या गाइडलाइन का पालन किया जाता, तो इन बच्चों की जानें बचाई जा सकती थीं। अब राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घोर लापरवाही में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।



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