जबलपुर में बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री बोले- विकसित भारत का मार्ग स्वदेशी से होकर गुजरता है
जबलपुर में शंकर शाह और रघुनाथ शाह के 168वें बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री का संबोधन
भोपाल/जबलपुर, 18 सितंबर (हि.स.)।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में शंकर शाह और रघुनाथ शाह के 168वें बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देशभर में स्वदेशी को अपनाने का अभियान चल रहा है और विकसित भारत का मार्ग स्वदेशी से होकर ही गुजरता है।

स्वदेशी से आत्मनिर्भरता का संदेश
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गांव हमेशा से आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के श्रेष्ठ उदाहरण रहे हैं। प्रदेश की बहनों ने स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की मिसाल प्रस्तुत की है। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से आह्वान किया कि “गर्व से कहो, हम स्वदेशी अपनाएंगे” और दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें।
अंग्रेजों ने बिना कोई मुकदमा चलाए महाराज शंकर शाह जी और कुंवर रघुनाथ शाह जी को तोप से उड़ाने का निर्णय लिया था। pic.twitter.com/fpVemD0cAE
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 18, 2025
बलिदानियों की गाथा
मुख्यमंत्री ने राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान को याद करते हुए कहा कि—
- दोनों पिता-पुत्र अंग्रेजों के आगे कभी नहीं झुके।
- उन्होंने कविता और गीतों के माध्यम से जंगल-जमीन और राष्ट्र की रक्षा की आवाज बुलंद की।
- अंग्रेजों ने उन्हें माफी मांगने और धर्म परिवर्तन की शर्त पर रिहाई का प्रस्ताव दिया, लेकिन दोनों ने इसे ठुकरा दिया।
- अंग्रेज उनकी विद्रोही कविताओं को सहन न कर सके और बिना मुकदमा चलाए उन्हें तोप के मुंह पर खड़ा कर उड़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका यह बलिदान देशभक्ति की प्रेरणा स्रोत है और आने वाली पीढ़ियों को सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।

जबलपुर की धरा वीरों के रक्त से सिंचित
डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर की धरती पर रानी दुर्गावती, शंकर शाह और रघुनाथ शाह जैसे महान बलिदानियों की परंपरा रही है। यह भूमि जनजातीय वीरों के रक्त से सिंचित है और यहां का हर कण राष्ट्रभक्ति की गाथा कहता है। उन्होंने कहा कि शाह वंश का अद्वितीय साहस और शौर्य हमेशा लोगों को प्रेरित करता रहेगा।


माताओं-बहनों के स्वास्थ्य पर जोर
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा—
- महिलाओं और बेटियों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है।
- समय पर जांच हो जाने से गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।
- केंद्र और राज्य सरकार माताओं-बहनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने माताओं-बहनों से आग्रह किया कि शिविरों में जाकर नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।

स्वदेशी अभियान प्रदर्शनी का अवलोकन
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस कल्चरल एंड इन्फॉर्मेशन सेंटर में आयोजित स्वदेशी उत्पाद प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
- यहां स्व-सहायता समूहों की “लखपति दीदियों” ने अपने हाथ से बने उत्पाद प्रदर्शित किए।
- मुख्यमंत्री ने कुल्हड़ में चाय की चुस्की लेकर प्रदर्शनी का आनंद लिया और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया।
- उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना ही सही दिशा है और इसे जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधि
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, सांसद आशीष दुबे, राज्यसभा सदस्य सुमित्रा वाल्मीकि, विधायक डॉ. अभिलाष पांडे, विधायक अशोक रोहाणी, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू भैया सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और नागरिक मौजूद रहे।
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