सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधा: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रन फॉर यूनिटी को दिखाई हरी झंडी

राष्ट्रीय एकता दिवस पर भोपाल में ‘रन फॉर यूनिटी’ को दिखाई हरी झंडी, सरदार पटेल के योगदान को किया याद

भोपाल। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल स्थित शौर्य स्मारक में राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रीय एकता और सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई और ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी, मंत्री कृष्णा गौर, विधायक भगवान दास सबनानी और वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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पटेल ने देश की अखंडता के लिए निभाई ऐतिहासिक भूमिका

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सभी आंदोलनों की रीढ़ थे। उन्होंने भारत के विभाजन के समय जिस कुशलता से देश की रियासतों को एकजुट किया, वही उनकी राष्ट्रभक्ति और दूरदृष्टि का परिचायक है। उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का निर्णय लिया, तो वे देश को विभाजित करके कमजोर करना चाहते थे, लेकिन पटेल ने अपनी अटूट इच्छाशक्ति से भारत के टुकड़ों को एक सूत्र में पिरो दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में ले जाना उस समय की कांग्रेस सरकार की एक बड़ी भूल थी। सरदार पटेल का स्पष्ट मत था कि भारत के मुद्दों का समाधान भारत के लोग ही करें, किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उसी दृष्टिकोण पर कायम हैं और राष्ट्र को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।


कांग्रेस पर साधा निशाना, बताया राष्ट्रविरोधी नीतियों वाली पार्टी

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले निर्णय लिए हैं। जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाकर देश के आंतरिक मामले को वैश्विक विवाद बना देना देशहित में नहीं था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस शासन के समय देश के धन का अनुचित प्रबंधन हुआ। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “भारत का पैसा उस समय पाकिस्तान के बैंकों में भिजवाया जाता था, यह भारत के लोगों के साथ अन्याय था।”


पटेल ने किसानों और आम जनता की आवाज़ उठाई

मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल को किसानों की आवाज़ बताया। उन्होंने कहा कि पटेल स्वयं किसान परिवार से थे और जब अंग्रेजों ने अकाल के समय भी कर वसूली जारी रखी, तो उन्होंने टैक्स न देने के आंदोलन की शुरुआत की। उन्होंने महात्मा गांधी के सहयोग से उस आंदोलन को राष्ट्रीय स्वरूप दिया, जिससे अंग्रेजी शासन को झुकना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पटेल का संघर्ष केवल आजादी तक सीमित नहीं था, बल्कि वह भारत की सामाजिक-आर्थिक समानता के लिए भी था।

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रियासतों के विलय से बना ‘एक भारत’

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “आज भारत एक अखंड राष्ट्र के रूप में खड़ा है, इसका श्रेय सरदार पटेल की दूरदर्शिता और साहस को जाता है।” आजादी के समय 562 रियासतें थीं, जिन्हें पटेल ने अपने दृढ़ संकल्प और संवाद कौशल से भारत में विलय कराया। उन्होंने बताया कि भोपाल भी उन रियासतों में से एक था, जिसने पटेल के नेतृत्व में भारत का हिस्सा बनने का निर्णय लिया।

सरदार पटेल ने राजा-महाराजाओं को समझा-बुझाकर देश की एकता को साकार रूप दिया। यही कारण है कि उन्हें ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है।

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‘रन फॉर यूनिटी’ में युवाओं का जोश, गूंजा एकता का संदेश

राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ में राजधानी के लगभग 2000 युवाओं ने हिस्सा लिया। शौर्य स्मारक से लाल परेड ग्राउंड तक निकली इस दौड़ में पुलिस विभाग के जवान, खेल अकादमियों के खिलाड़ी और आम नागरिक शामिल हुए। युवाओं ने दौड़ के माध्यम से देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि “युवाओं की भागीदारी ही एकता और प्रगति का सबसे बड़ा प्रतीक है।”

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लोकतंत्र दलगत राजनीति से ऊपर है: मुख्यमंत्री

कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने एक्स (X) पोस्ट में लिखा —
“एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश हर रंग, हर धुन और हर वेश में झलकता है। आइए, राष्ट्रीय एकता दिवस पर उस अद्भुत एकता का उत्सव मनाएं जो भारत को भारत बनाती है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश के लिए कार्य करने वाले हर व्यक्ति का सम्मान करना ही लोकतंत्र की सच्ची खूबसूरती है।”