मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजीव गांधी और मोदी सरकार पर किया कटाक्ष, पर्यटन विकास और कानून व्यवस्था पर दिया जोर
इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को इंदौर में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की अखिल भारतीय बैठक में भाग लिया और अपने संबोधन में कई ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर स्पष्ट विचार साझा किए। मुख्यमंत्री ने अपनी बात की शुरुआत इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए की और कहा कि यह क्षेत्र महान सम्राट विक्रमादित्य से जुड़ा हुआ है, जिन्हें न्यायप्रिय और धर्मपरायण राजा के रूप में जाना जाता है। उन्होंने न्याय व्यवस्था, कानून और संस्कृति पर जोर देते हुए कहा कि आज की न्यायपालिका में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
शाहबानो केस में केवल तुष्टीकरण के लिए राजीव गांधी जी ने हक की लड़ाई में कोर्ट के निर्णय को अन्याय के रूप में लागू किया था। pic.twitter.com/4sEti4ytMX
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 13, 2025
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में न्यायपालिका के वर्तमान ढांचे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब सर्वोच्च न्यायालय में आंख बंद करके न्याय नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि न्याय की प्रक्रिया में पारंपरिक और पद्धतिगत ढांचे का पालन होना चाहिए, और केवल शब्दों की चाशनी से किसी को प्रभावित नहीं किया जा सकता। उन्होंने न्यायिक पद्धति के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि पंचायती न्याय और हमारी हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना हमारी जिम्मेदारी है।

डॉ. यादव ने विश्व हिंदू परिषद के लिए वर्षों से किए जा रहे कार्यों को सराहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि भारत में सामाजिक और कानूनी सुधार के इतिहास में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए हैं। मुख्यमंत्री ने शाहबानो मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि इंदौर की कोर्ट ने 40 साल पहले शाहबानो को न्याय देने का निर्णय दिया, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने सही ठहराया। लेकिन, मुस्लिम महिलाओं के हक़ की लड़ाई के विरोध में किए गए कुछ कार्यों के लिए उन्होंने राजीव गांधी को दोषी ठहराया। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने 40 साल पुराने कलंक को धोने और भगवान श्रीराम को उनके धाम तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि बदलते दौर में तीनों आपराधिक कानूनों को लागू करने में मध्यप्रदेश सरकार अग्रणी रही है।

मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था और धार्मिक गतिविधियों के संतुलन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इबादत करने में कोई मनाही नहीं है, लेकिन कानून का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने फूड सेफ्टी नियमों के अंतर्गत मांस बिक्री दुकानों को ढककर रखने का उदाहरण देते हुए कहा कि कानून का पालन सभी को करना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने लव जिहाद और अन्य अवैध गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मछली-मगर सहित उन सभी को कानूनी कार्रवाई के तहत उचित ठिकाने लगाया गया, जिससे समाज में शांति और कानून का पालन सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए कहा कि जब बाबा महाकाल का महाकाल लोक है तो मथुरा में भगवान कृष्ण का होना भी स्वाभाविक है।
सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मुख्यमंत्री ने कहा कि आनंद और उत्साह का माहौल देश में फैले, यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन और प्राकृतिक धरोहरों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने गांधीसागर में चंबल नदी के प्राकृतिक नजारों का अनुभव करते हुए स्पीड बोट और मोटर बोट की सवारी की। इस दौरान सांसद सुधीर गुप्ता, गरोठ विधायक चंदर सिसोदिया, आयुक्त आशीष सिंह, आईजी उमेश जोगा, कलेक्टर अदिती गर्ग और पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीणा भी उनके साथ मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगी बल्कि प्रदेश की प्राकृतिक धरोहरों को देखने और समझने का अवसर भी प्रदान करेंगी। बोटिंग के दौरान उन्होंने बाइक बोट चलाकर पानी की लहरों पर निपुणता दिखाई और अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सफारी जीप के माध्यम से टेंट सिटी का भी अवलोकन किया और वहां उपलब्ध पर्यटन सुविधाओं एवं आकर्षक व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की।
डॉ. यादव ने इस अवसर पर प्रदेश में पर्यटन के विकास पर जोर दिया और कहा कि मध्यप्रदेश सरकार निरंतर ऐसे प्रयास कर रही है जिससे स्थानीय रोजगार बढ़े और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को प्रदेश आकर्षक लगे। उन्होंने कहा कि चंबल नदी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों के विकास से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखने और प्रदर्शित करने का अवसर भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री के इस दौरे और संबोधन ने यह स्पष्ट कर दिया कि मध्यप्रदेश सरकार सामाजिक, कानूनी और सांस्कृतिक मोर्चे पर निरंतर सक्रिय है। कानून का पालन, सामाजिक सुधार और पर्यटन विकास तीनों ही प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। इस दौरान उनके विचारों में इतिहास, संस्कृति और धर्म का गहरा सम्मान झलकता है, साथ ही आधुनिक प्रशासनिक दृष्टिकोण और न्यायप्रियता भी दिखाई देती है।
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