October 15, 2025 9:02 AM

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संवेदनशील निर्णय: जबलपुर दौरा रद्द कर सीधे छिंदवाड़ा रवाना, कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद करेंगे परासिया का दौरा

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संवेदनशील कदम: जबलपुर दौरा रद्द कर परासिया रवाना, कफ सिरप से बच्चों की मौत पर जताई संवेदना

मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बदला, सीधे पीड़ित परिवारों से करेंगे मुलाकात

मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. यादव सोमवार दोपहर 1:00 बजे स्टेट हेंगर भोपाल से एयर स्ट्रिप छिंदवाड़ा के लिए रवाना होंगे। वहाँ से वे हेलीकॉप्टर द्वारा 1:55 बजे परासिया हेलीपैड पहुंचेंगे और सीधे पीड़ित परिवारों से भेंट कर सांत्वना व्यक्त करेंगे। मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल प्रशासनिक जांच और राहत की स्थिति का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से है, बल्कि इसमें पीड़ितों को प्रत्यक्ष रूप से भरोसा दिलाने का भी भाव निहित है कि सरकार इस त्रासदी में उनके साथ खड़ी है।

इस बदलाव के चलते मुख्यमंत्री अब जबलपुर में प्रस्तावित कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार उन्हें महाकौशल महाविद्यालय और शासकीय साइंस कॉलेज में बने नए शैक्षणिक भवनों का लोकार्पण करना था, साथ ही प्रतिभा सम्मान समारोह और अन्य आयोजनों में भी भाग लेना था।


जबलपुर में कार्यक्रम मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में ही होंगे

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बदलाव के बावजूद जबलपुर में निर्धारित लोकार्पण और समारोह पूर्व निर्धारित समय पर ही आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जबलपुर सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नु, विधायक अशोक रोहाणी, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज और भाजपा नेता कमलेश अग्रवाल सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
इसके अलावा, जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष आशीष राव, शिक्षकों, विद्यार्थियों और नागरिकों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहेगी। प्रशासन ने सभी कार्यक्रमों को पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार ही संचालित करने के निर्देश दिए हैं।


परासिया की त्रासदी: दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत ने झकझोरा प्रदेश

छिंदवाड़ा के परासिया क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में दूषित कफ सिरप के सेवन से कई मासूम बच्चों की मौत हो गई है। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, वहीं प्रारंभिक रिपोर्ट में यह संभावना जताई जा रही है कि बाजार में बेचे जा रहे कुछ कफ सिरप में रासायनिक तत्वों की घातक मात्रा पाई गई।
इससे न केवल परासिया क्षेत्र में बल्कि पूरे प्रदेश में दवा सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

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केंद्र सरकार ने की कार्रवाई, 6 राज्यों की 19 दवा इकाइयों की जांच

इस दर्दनाक घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आ गया है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक हुई।
बैठक में कफ सिरप की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई गई और यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए कि दवाओं के निर्माण और वितरण में गुणवत्ता मानकों का सख्ती से पालन हो।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि संभावित जोखिमों की पहचान करने और गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने के लिए 6 राज्यों की 19 दवा निर्माण इकाइयों में “रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन” शुरू किया गया है।
इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि कहीं उत्पादन प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही या घटिया रासायनिक पदार्थों का उपयोग तो नहीं हुआ।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने भी मांगी रिपोर्ट

घटना के गंभीर स्वरूप को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने भी इस मामले पर त्वरित संज्ञान लिया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और राज्यों के साथ समन्वय बैठकों के निर्देश दिए हैं। नड्डा ने स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं के लिए किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जबलपुर दौरा रद्द कर सीधे परासिया जाना इस बात का संकेत है कि सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है। प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद जनता में गुस्सा और दुख की लहर है, ऐसे में मुख्यमंत्री का यह कदम संवेदनशील नेतृत्व का उदाहरण है।
उनके दौरे से न केवल पीड़ित परिवारों को राहत का भरोसा मिलेगा, बल्कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी सक्रिय और पारदर्शी कार्रवाई का दबाव बनेगा।

प्रदेश सरकार ने संकेत दिए हैं कि दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या कंपनी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, राज्य में दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं की निगरानी प्रणाली को और सुदृढ़ करने पर भी काम शुरू कर दिया गया है।



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