April 19, 2025 9:13 PM

ओंकारेश्वर पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नर्मदा परिक्रमा यात्रा के समापन समारोह में हुए शामिल

"cm-mohan-yadav-omkareshwar-narmada-parikrama-ceremony"

खंडवा: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार सुबह 9:30 बजे ओंकारेश्वर पहुंचे। उन्होंने कोठी स्थित हेलिपैड से सीधे गोमुख घाट पहुंचकर नर्मदा संत भैय्याजी सरकार के नेतृत्व में निकली नर्मदा परिक्रमा यात्रा के समापन समारोह में भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नर्मदा पूजन किया और परिक्रमावासियों को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री का लगातार दूसरा दौरा ओंकारेश्वर

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का नौ दिनों के भीतर यह दूसरा ओंकारेश्वर दौरा है। इससे पहले, 9 मार्च को वे अपने परिवार के साथ ओंकारेश्वर आए थे। तब उन्होंने अपने गुरु संत विवेक मिश्र की अमृतस्य नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा के समापन समारोह में शिरकत की थी।

यदि खंडवा जिले की बात करें, तो मुख्यमंत्री का यह नौ दिनों में तीसरा दौरा है। इससे तीन दिन पहले वे मूंदी पहुंचे थे, जहां उन्होंने संत भैय्याजी सरकार की नर्मदा परिक्रमा यात्रा में भाग लिया था।

कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल भी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल भी इस धार्मिक आयोजन में शामिल हुए। मंत्री पटेल अपने परिवार के साथ पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ गोमुख घाट पर नर्मदा पूजन किया। पूजन विधिवत रूप से पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार और आरती के साथ संपन्न हुआ।

प्रशासनिक अमला भी रहा उपस्थित

इस धार्मिक यात्रा और समारोह के दौरान जिला प्रशासन और संभाग स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था और अन्य व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा गया, जिससे कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

नर्मदा परिक्रमा का महत्व

नर्मदा परिक्रमा भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसे सनातन धर्म का विशेष अनुष्ठान माना जाता है, जिसमें श्रद्धालु माता नर्मदा के तट पर पैदल यात्रा करते हैं। संत भैय्याजी सरकार और संत विवेक मिश्र जैसे कई महान संत इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जैसे नेता भी श्रद्धा के साथ शामिल हो रहे हैं।

इस यात्रा और पूजन के दौरान धार्मिक आस्था और प्रशासनिक सहयोग का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिससे यह आयोजन भक्तों के लिए और भी प्रेरणादायक बन गया।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram