मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण समिति के सदस्यों की भेंट, कहा—वंचित वर्गों का सशक्तिकरण सर्वोच्च प्राथमिकता

भोपाल।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के लिए गठित केंद्रीय समिति के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को सौजन्य भेंट की। यह बैठक मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित की गई, जिसमें प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान से जुड़ी नीतियों और योजनाओं पर विचार-विमर्श करना था।

अनुसूचित वर्गों के सशक्तिकरण पर मुख्यमंत्री का जोर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के कल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन वर्गों का सर्वांगीण विकास न केवल राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समान अवसर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा संकल्प है कि समाज के हर वंचित और कमजोर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ा जाए। सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसे क्षेत्रों में इन समुदायों के सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठा रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए कौशल विकास, उद्यमिता और स्वरोजगार की योजनाओं को और विस्तार देने पर काम कर रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

समिति ने साझा किए सुझाव और योजनाएं

पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मुख्यमंत्री को समिति की गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा गठित यह समिति देशभर में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कर रही है। इसके अंतर्गत राज्यों से सुझाव लेकर एक समग्र नीति तैयार की जा रही है, जो दीर्घकालिक विकास की दिशा तय करेगी।

कुलस्ते ने कहा कि समिति का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ इन समुदायों तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुँचे। उन्होंने यह भी बताया कि समिति राज्यों से प्राप्त सुझावों के आधार पर शिक्षा और उद्यमिता से जुड़ी नई राष्ट्रीय योजनाओं का प्रारूप तैयार कर रही है, जो इन वर्गों के लिए स्थायी आर्थिक आधार प्रदान करेगी।

राज्य सरकार की योजनाओं का विस्तृत विवरण

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में चल रही प्रमुख योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के लिए विशेष छात्रवृत्तियाँ, छात्रावास, कोचिंग सहायता, स्वास्थ्य सेवाएँ और आवास योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही समाज को सशक्त बनाती है, इसलिए सरकार का मुख्य ध्यान इन वर्गों के बच्चों की उच्च शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करने पर है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने कई जिलों में जनजातीय बहुल क्षेत्रों के लिए विशेष विद्यालयों, तकनीकी संस्थानों और कौशल प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की है। इन संस्थानों में युवाओं को न केवल शिक्षा दी जा रही है, बल्कि उन्हें रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है।

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दीर्घकालिक नीति की दिशा में आगे बढ़ता मध्यप्रदेश

बैठक में यह सहमति बनी कि राज्य सरकार और केंद्र की समिति मिलकर एक साझा रणनीति तैयार करेंगी, जिससे अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों के दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह केवल योजनाओं का कार्यान्वयन नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का अभियान है, जिसमें सभी का सहयोग आवश्यक है।

उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य यह है कि कोई भी व्यक्ति अपने वर्ग या पृष्ठभूमि के कारण अवसरों से वंचित न रहे। मध्यप्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक को शिक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का अवसर मिले।”

बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सुझाव राज्य सरकार की नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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