मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम पहुंचकर शिवपुराण कथा सुनी और पंडित प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री करीब सुबह 10:30 बजे धाम पहुंचे और श्रद्धालुओं के साथ कथा का आनंद लिया। कुबेरेश्वर धाम में आयोजित सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का आज समापन हो गया।
रुद्राक्ष महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब
कुबेरेश्वर धाम में 25 फरवरी से रुद्राक्ष महोत्सव की शुरुआत हुई थी, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे। बीते 6 दिनों में लगभग 30 लाख लोग इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बने।
- आयोजन के दौरान एक करोड़ रुद्राक्षों का अभिमंत्रण किया गया, जिसे भक्तों में वितरित किया गया।
- विठलेश सेवा समिति के अनुसार, हर दिन करीब 10 लाख लोग कुबेरेश्वर धाम पहुंचकर शिवपुराण कथा सुन रहे हैं।
- कथा के दौरान आध्यात्मिक वातावरण बना रहा और पूरे परिसर में भजन-कीर्तन की ध्वनि गूंजती रही।

धाम में हर दिन होगा एक कन्या का विवाह
रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान विठलेश सेवा समिति ने महत्वपूर्ण सामाजिक पहल की घोषणा की।
- समिति के अनुसार, अब हर दिन एक कन्या का नि:शुल्क विवाह कराया जाएगा।
- इस पहल के तहत सालभर में 365 कन्याओं का विवाह संपन्न होगा।
- इस सामाजिक कार्य की सराहना करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि यह पहल समाज के लिए प्रेरणादायक होगी।
अमेरिका से शिवपुराण कथा सुनने पहुंचे श्रद्धालु
शिवपुराण कथा का प्रभाव सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों में भी श्रद्धालु पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाओं के प्रति आस्था रखते हैं।
- एक परिवार विशेष रूप से अमेरिका से कुबेरेश्वर धाम पहुंचा और कथा का हिस्सा बना।
- उन्होंने कहा कि वे जहां भी पंडित मिश्रा कथा करते हैं, वहां जाने की कोशिश करते हैं।
- कथा समाप्त होने तक वे धाम के पास एक होटल में ठहरे हुए हैं।
भंडारे में रोज बन रही 50 क्विंटल रोटियां और 40 क्विंटल खिचड़ी
रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
- हर दिन 50 क्विंटल से ज्यादा रोटियां, 40 क्विंटल खिचड़ी, 20 क्विंटल चावल, 20 क्विंटल नमकीन तैयार किया जा रहा है।
- इसके अलावा, 10 क्विंटल मीठी बूंदी, दही की ठंडाई और नींबू पानी भी श्रद्धालुओं में वितरित किया जा रहा है।
- भंडारे का संचालन सैकड़ों सेवादारों द्वारा किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर भक्त को प्रसाद मिले।
आध्यात्मिक ऊर्जा और श्रद्धालुओं की भारी भीड़
कुबेरेश्वर धाम का यह आयोजन आस्था, सेवा और आध्यात्मिकता का संगम बना।
- हर दिन हजारों श्रद्धालु कथा स्थल पर बाबा महाकाल और भगवान शिव के जयकारे लगाते नजर आए।
- आयोजन में संयम, अनुशासन और श्रद्धा की मिसाल देखने को मिली।
रुद्राक्ष महोत्सव का समापन, भक्तों ने की पुन: आयोजन की मांग
सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का रविवार को भव्य समापन हुआ।
- श्रद्धालुओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा से आग्रह किया कि ऐसे आयोजन आगे भी होते रहें।
- भक्तों ने यह भी कहा कि कुबेरेश्वर धाम में आने से उन्हें शिव कृपा की अनुभूति होती है और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
कुबेरेश्वर धाम में इस भव्य आयोजन ने न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एक नई मिसाल पेश की है।