October 15, 2025 4:13 PM

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का निर्देश: मंत्री अपने प्रभार के जिलों में करें योजनाओं की समीक्षा

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रियों को जिलों में योजनाओं की समीक्षा के निर्देश दिए, वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ आज

वन्यजीव सप्ताह का आज से शुभारंभ, सीएम करेंगे पुरस्कार वितरण और प्रदर्शनी का उद्घाटन

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में चल रही विकास गतिविधियों और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी अब और अधिक सघन रूप से की जाएगी। इसके लिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में जाकर योजनाओं की समीक्षा करें और वहां की जनता की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करवाएं।


कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस अक्टूबर में

मुख्यमंत्री ने बताया कि अक्टूबर माह में राज्य स्तरीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी। इसमें प्रदेश के सभी मंत्री, कमिश्नर, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागीय अधिकारी, आईजी, विभाग प्रमुख और सचिवालयीन अधिकारी शामिल होंगे।

  • इस कॉन्फ्रेंस से पहले सभी कमिश्नर और कलेक्टर आगामी वर्ष की विकास कार्ययोजना तैयार करेंगे।
  • कार्ययोजना का उद्देश्य प्रदेश के विकास को और अधिक गति प्रदान करना है।
  • मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मैदानी अमले से मिलने वाली रिपोर्ट और मंत्रीगण की समीक्षाओं के आधार पर योजनाओं की गति और प्रभाव सुनिश्चित किया जाएगा।

वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार सुबह 10:30 बजे वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-जू के विहार वीथिका में राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

  • सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के पर्यटक वाहनों का लोकार्पण किया जाएगा।
  • भारत के वन्यजीव, उनका रहवास एवं आपसी संचार” विषय पर केंद्रित फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा।
  • वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे।

इस कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप सिंह अहिरवार, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल और प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही.एन. अंबाड़े भी उपस्थित रहेंगे।


जनकल्याणकारी योजनाओं पर फोकस

मुख्यमंत्री का जोर इस बात पर है कि योजनाएं केवल कागजों पर नहीं बल्कि वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचें। उन्होंने मंत्रियों को यह भी कहा है कि जिलों में समीक्षा के दौरान केवल आंकड़ों पर ध्यान न देकर यह सुनिश्चित करें कि गांव और कस्बों तक योजनाओं का लाभ समय पर और सही तरीके से पहुंचे



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