October 30, 2025 2:15 PM

साइबर अपराध से लड़ाई पुलिस के साथ ही पूरे समाज की है: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

cm-mohan-yadav-cyber-awareness-rally-bhopal

साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, पूरे समाज की है: मुख्यमंत्री मोहन यादव

भोपाल में बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है।” वे मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा आयोजित ‘रन फॉर साइबर अवेयरनेस’ रैली को अटल पथ से हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक जितनी तेजी से आगे बढ़ी है, उतनी ही तेजी से इसके दुरुपयोग के खतरे भी बढ़े हैं। ऐसे में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।

साइबर अपराध से बचाव का सबसे बड़ा हथियार: जागरूकता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह रैली केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि डिजिटल युग की सबसे महत्वपूर्ण पहल को जन-आंदोलन का रूप देने वाला प्रयास है। उन्होंने कहा, “जब नागरिक जागरूक होगा, तभी राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।” उन्होंने कहा कि तकनीक ने जहाँ लोगों को जोड़ा है, वहीं अपराधियों को भी ठगी और धोखाधड़ी के नए हथियार दिए हैं।
उन्होंने डिजिटल अरेस्ट, फेक प्रोफाइल, डेटा ब्रीच, हैकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड और फेक इन्वेस्टमेंट लिंक जैसे बढ़ते अपराधों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी अपराध आज समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘रन फॉर साइबर अवेयरनेस’ अभियान नागरिकों में डिजिटल सुरक्षा, जिम्मेदारी और सतर्कता की भावना जागृत करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि साइबर सिपाही आज इस दौड़ के जरिए समाज को संदेश दे रहे हैं कि डिजिटल सुरक्षा हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।

डिजिटल इंडिया की दिशा में नागरिक सुरक्षा का संकल्प

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब डिजिटल इंडिया का सपना देखा था, तब उन्होंने भारत को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की परिकल्पना की थी। आज डिजिटल भुगतान, ई-गवर्नेंस, ऑनलाइन सेवाएँ और स्मार्ट सिस्टम भारत की पहचान बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के साथ साइबर ठगी या ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें।

‘रूको, सोचो और फिर कदम उठाओ’ — डिजिटल युग का संविधान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए मंत्र — ‘स्टॉप, थिंक एंड देन टेक एक्शन’ (रूको, सोचो और फिर कोई कदम उठाओ) — को जीवन में अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जब कोई अनजान कॉल या आकर्षक लिंक मिले, तो पहले रुकिए, फिर सोचिए, और निश्चित होने के बाद ही क्लिक कीजिए। यही सुरक्षित नागरिक का संस्कार है, यही डिजिटल युग का संविधान है।”

रैली का आयोजन और सहभागिता

यह रैली अटल पथ स्थित प्लेटिनम प्लाजा से शुरू होकर एपेक्स बैंक तिराहा होते हुए तात्या टोपे स्टेडियम तक निकाली गई। रैली में विधायक भगवानदास सबनानी, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक शामिल हुए।
कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री के स्वागत में पुलिस बैंड द्वारा सलामी दी गई। डॉ. यादव ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान को जन आंदोलन का रूप देने के लिए बधाई दी।

‘केवल पैसों की नहीं, पहचान की भी हानि’ — डीजीपी कैलाश मकवाणा

कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने कहा कि साइबर अपराध केवल भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ता अपराध बन चुका है। आने वाले वर्षों में यह अन्य सभी अपराधों को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि विश्वास, चरित्र और पहचान की क्षति भी है।
उन्होंने बताया कि डिजिटल युग में अब मेहनत और ज्ञान की चोरी भी बढ़ रही है — किसी की रिसर्च, डिजाइन या फोटो को बिना अनुमति के इस्तेमाल करना भी साइबर अपराध है।

‘दरवाजा बंद करने के साथ स्क्रीन लॉक करना भी जरूरी’

डीजीपी मकवाणा ने कहा कि अब सुरक्षित रहना केवल घर के दरवाजे बंद करने तक सीमित नहीं, बल्कि स्क्रीन लॉक करना और निजी जानकारी सुरक्षित रखना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने पासवर्ड, ओटीपी और निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें, और अपनी डिजिटल सुरक्षा को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं।

मध्यप्रदेश पुलिस लगातार राज्यभर में साइबर जागरूकता अभियानों का संचालन कर रही है। यह रैली उसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो नागरिकों को साइबर अपराधों से सुरक्षित रखने और समाज में जिम्मेदार डिजिटल नागरिकता को बढ़ावा देने का संदेश देती है।


Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram