October 15, 2025 7:50 AM

जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, इसे बनाए रखना ही सुशासन की पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, इसे बनाए रखना ही सुशासन की पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल, 7 अक्टूबर 2025।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस 2025 का शुभारंभ किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उन्होंने प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों और लोकसेवकों से सीधे संवाद करते हुए कहा कि “जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, हमें इसे हर हाल में बनाए रखना है।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन तभी सफल होता है जब जनता का भरोसा उसके साथ हो और शासन की नीतियों का सीधा लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुँचे।


जवाबदेह शासन व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में हमने ऐसी शासन व्यवस्था स्थापित की है जो न केवल जवाबदेह है बल्कि जनमुखी और परिणामोन्मुखी भी है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की हर नीति, योजना और कार्यक्रम का मूल उद्देश्य जनकल्याण है।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासनिक पद केवल अधिकार नहीं, बल्कि जनता के प्रति जिम्मेदारी भी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कार्यों में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी को यह समझना होगा कि उनके निर्णय और कार्य से समाज के कितने जीवन प्रभावित होते हैं। इसलिए अपने कार्य को केवल नौकरी न मानें, बल्कि इसे सेवा का अवसर समझें।


समावेशी विकास और सुशासन पर दिया बल

डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सुशासन का असली अर्थ है समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुँचना। उन्होंने कहा कि सरकार “सबके साथ, सबके लिए” की नीति पर काम कर रही है, ताकि समाज का कोई वर्ग विकास से अछूता न रहे।
उन्होंने कहा कि प्रशासन को विकास की दौड़ में केवल आँकड़ों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि योजनाएँ जमीन पर कितना असर डाल रही हैं। “विकास का मूल्यांकन फाइलों से नहीं, जनता की मुस्कान से होना चाहिए,” उन्होंने कहा।


मिशन मोड में काम करने का आह्वान

मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों और कमिश्नरों से कहा कि वे शासन की कल्याणकारी योजनाओं को मिशन मोड में लागू करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की तरक्की तभी संभव है जब हर जिले की प्रगति समान रूप से हो।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन ज़रूरी है। प्रत्येक जिले के अधिकारी अपने क्षेत्र में नवाचार करें और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप योजनाओं को लागू करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपने काम के माध्यम से अपनी “पहचान” बनाएँ, क्योंकि एक सक्षम अधिकारी वही है जो जनता की नज़र में विश्वास पैदा करे।


संवाद और पारदर्शिता पर विशेष ज़ोर

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी सलाह दी कि वे जनता, जनप्रतिनिधियों, मीडिया और स्थानीय संगठनों के साथ सतत संवाद बनाए रखें। उन्होंने कहा कि खुला संवाद ही प्रशासन की मजबूती की कुंजी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी ज्वलंत मुद्दे पर अधिकारी तथ्यपूर्ण जानकारी और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ अपनी बात रखें। जनता को भरोसा होना चाहिए कि शासन उनकी बात सुन रहा है और उसकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है।


सीखने और नवाचार की संस्कृति अपनाने की सलाह

डॉ. यादव ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने कार्यक्षेत्र में नवाचार (innovation) को अपनाएँ और हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि समाज तेजी से बदल रहा है, इसलिए शासन की शैली और तरीक़े भी आधुनिक होने चाहिए।
उन्होंने कहा — “यदि परमात्मा ने हमें समाज की सेवा का दायित्व दिया है, तो हमें विनम्र विद्यार्थी की तरह इस जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। अनुभव के साथ सीखने की भावना हमें बेहतर प्रशासक बनाती है।”
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जिला प्रशासन ऐसे नवाचारों को प्रोत्साहित करे, जिनसे समाज को प्रत्यक्ष लाभ मिले — चाहे वह डिजिटल सेवाएँ हों, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण या ग्रामीण विकास।


सम्मेलन का उद्देश्य : बेहतर प्रशासनिक समन्वय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य यही है कि शासन की प्रक्रिया को और अधिक सहज, सरल, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ जनता तक शीघ्रता से पहुँचे, इसके लिए जिला प्रशासन की भूमिका निर्णायक होती है। इस सम्मेलन में इसी बात पर मंथन होगा कि शासन के हर स्तर पर पारदर्शिता और जिम्मेदारी कैसे बढ़ाई जाए।


वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हुए शामिल

कार्यक्रम में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय कुमार शुक्ला, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ सहित प्रदेश के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सम्मेलन के दौरान विभिन्न जिलों में लागू की जा रही योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों की प्रस्तुतियाँ भी रखी गईं।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन से जो निष्कर्ष और सुझाव निकलेंगे, वे प्रदेश में सुशासन की दिशा में नई पहल साबित होंगे और जनता के जीवन में ठोस परिवर्तन लाएँगे।


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