October 15, 2025 3:34 PM

असम दौरे पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्वोत्तर से निवेश लाने की पहल

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव असम दौरे पर, पूर्वोत्तर से निवेश लाने की पहल; गुवाहाटी में विशेष सत्र में करेंगे निवेशकों से चर्चा

गुवाहाटी में निवेशकों और भूटान प्रतिनिधियों से वन-टू-वन वार्ता करेंगे मुख्यमंत्री, एमपी को निवेश का हब बनाने पर फोकस

भोपाल/गुवाहाटी, 4 अक्टूबर।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज असम के दौरे पर हैं। उनका यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि प्रदेश में निवेश और औद्योगिक साझेदारी के नए अवसरों को तलाशने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव असम के कामरूप महानगर और गुवाहाटी में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे और निवेशकों के साथ सीधा संवाद करेंगे।

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत और मध्यप्रदेश के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करना और प्रदेश में निवेश आकर्षित करना है। मुख्यमंत्री की यह यात्रा राज्य की “निवेश मित्र नीति” और मेक इन एमपी अभियान को नए मुकाम तक ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


निवेश को लेकर होगी उच्चस्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को असम के उद्योगपतियों, व्यापारिक संगठनों और उद्यमी समूहों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे। इस दौरान वे उन्हें मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित करेंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश की औद्योगिक नीतियाँ, निवेशकों को न केवल भरोसा देती हैं बल्कि उन्हें व्यवसायिक स्थिरता, पारदर्शिता और संसाधनों की गारंटी भी प्रदान करती हैं।

सरकार का मकसद स्पष्ट है—“निवेश से रोज़गार”। यानी राज्य में जितना अधिक निवेश आएगा, उतने ही अधिक युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। इस दृष्टि से असम दौरा न केवल राजनीतिक या सांस्कृतिक, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है।


गुवाहाटी में विशेष निवेश सत्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार, 5 अक्टूबर को गुवाहाटी में आयोजित एक विशेष निवेश सत्र को संबोधित करेंगे। इस सत्र में न केवल पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योगपति बल्कि भूटान के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस बैठक में प्रमुख अतिथि होंगे रॉयल भूटानी कांसुलेट के कांसुल जनरल जिग्मे थिन्लेय नामग्याल

इस सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश के प्रमुख निवेश क्षेत्रों की जानकारी देंगे, जिनमें—

  • कृषि व्यवसाय (Agri-Business)
  • आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स
  • मैन्युफैक्चरिंग (निर्माण उद्योग)
  • नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)

शामिल हैं। साथ ही वे राज्य की सिंगल विंडो सिस्टम, इंडस्ट्रियल सब्सिडी स्कीम, लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी और स्टार्टअप सपोर्ट प्रोग्राम्स के बारे में भी विस्तृत जानकारी देंगे।


‘पूर्वोत्तर से निवेश’ की नई अवधारणा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह दौरा एक नई सोच की शुरुआत माना जा रहा है। अब तक मध्यप्रदेश में निवेश मुख्य रूप से पश्चिमी और दक्षिण भारतीय राज्यों से आता रहा है। लेकिन इस बार सरकार का ध्यान पूर्वोत्तर भारत के संभावित निवेशक वर्ग की ओर है।
असम, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर जैसे राज्यों में चाय, ऑर्गेनिक कृषि, हस्तशिल्प, रबर और पर्यटन से जुड़े उद्योग तेजी से बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री की योजना है कि इन क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में उत्पादन इकाइयाँ और वितरण केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

इससे न केवल मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास होगा, बल्कि दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध भी और मजबूत होंगे।


प्रदेश की नीतियाँ बना रहीं भरोसे का माहौल

डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में कई नीतिगत बदलाव किए हैं, जिनसे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

  • “सिंगल विंडो क्लीयरेंस” प्रणाली के जरिए अब निवेशकों को सभी अनुमतियाँ एक ही मंच पर मिल जाती हैं।
  • भूमि आवंटन और कर छूट नीति को और पारदर्शी बनाया गया है।
  • लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक गलियारे (Industrial Corridors) और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स से औद्योगिक विकास को नई गति मिली है।

सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले तीन वर्षों में प्रदेश में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश आए और इससे लाखों युवाओं को रोज़गार मिले।


सांस्कृतिक जुड़ाव और संवाद का नया अध्याय

मुख्यमंत्री अपने असम प्रवास के दौरान स्थानीय सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। वे असम और मध्यप्रदेश के बीच सांस्कृतिक एकता और परस्पर सहयोग को नई दिशा देने की कोशिश करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “असम की संस्कृति और मध्यप्रदेश की परंपराएं दोनों एक समान भारतीयता के भाव से जुड़ी हैं। हमारे बीच का संवाद आर्थिक ही नहीं, सांस्कृतिक समृद्धि का सेतु भी बनेगा।”


निवेशकों के लिए संदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा,

“मध्यप्रदेश आज निवेश के लिए देश का सबसे उपयुक्त गंतव्य बन चुका है। यहाँ स्थिर सरकार, पारदर्शी नीतियाँ और सक्षम मानव संसाधन हैं। हम न केवल निवेश को आमंत्रित कर रहे हैं, बल्कि उद्योगपतियों को भरोसे और सुरक्षा का माहौल भी दे रहे हैं।”

उनके इस संदेश को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे से पूर्वोत्तर भारत और भूटान के निवेशक वर्ग में मध्यप्रदेश के प्रति रुचि बढ़ेगी और आने वाले महीनों में कई नई औद्योगिक साझेदारियाँ सामने आएंगी।


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