भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को दो दिवसीय आईपीएस सर्विस मीट का शुभारंभ किया। इस सर्विस मीट में देशभर के पुलिस अधिकारी, विशेषज्ञ और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधिकारियों ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके अपराध नियंत्रण पर अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। विशेष रूप से, दो पुलिस अधीक्षकों और एक सब-इंस्पेक्टर ने अपराध नियंत्रण के लिए तकनीकी उपायों पर विस्तृत प्रजेंटेशन दिए।
इस मीट के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “जब सभी सीमाएँ बंद हो जाती हैं, तो लोग पुलिस के पास भागते हैं। पुलिस का काम बहुत कठिन होता है, और उन्हें हर स्थिति में तत्काल कार्रवाई करनी होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों की मेहनत और समर्पण के कारण समाज में उनके प्रति एक विशेष प्रकार का भरोसा रहता है।


मीट में शामिल अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण का मौका
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पुलिस अधिकारियों के साथ संवाद भी किया। उन्होंने अधिकारियों से सवाल पूछते हुए जानना चाहा कि ‘मीट’ शब्द का हिंदी में अनुवाद क्या हो सकता है। एक आईपीएस अधिकारी ने उत्तर दिया कि “मीट में दिल मिलता है।” इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम वास्तव में पुलिस अधिकारियों को एक-दूसरे से जुड़ने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण पद्धति की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएँ संगठनात्मक मजबूती के लिए आवश्यक हैं।
स्पोर्ट्स और कल्चरल प्रोग्राम से तनावमुक्त होंगे अधिकारी
इस मीट के तहत आज और शनिवार को विभिन्न स्पोर्ट्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसमें पुलिस अधिकारी और उनके परिवार के सदस्य भाग लेंगे। इन गतिविधियों का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को कानूनी दांव-पेच से कुछ समय के लिए राहत देना और उन्हें तनावमुक्त करना है।
आज आईपीएस अधिकारी देंगे प्रेजेंटेशन
आईपीएस सर्विस मीट के पहले दिन एमपी पुलिस के मॉडल इन्वेस्टिगेशन और मॉडल पुलिस वर्किंग पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए गए। कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में रतलाम एसपी अमित कुमार और रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने प्रेजेंटेशन दिया। इसमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी के जरिए अपराध नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की गई। इस प्रोग्राम में पुलिस अधिकारियों को नवीनतम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और अपराधों की जाँच में सुधार के लिए प्रशिक्षित किया गया।
प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों को भी बुलाया गया
इस महत्वपूर्ण आयोजन में डीजीपी कैलाश मकवाना समेत सभी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अपने परिवारों के साथ शामिल हुए। उद्घाटन सत्र कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में हुआ, जबकि अन्य कार्यक्रम पुलिस ऑफिसर्स मैस में आयोजित किए जा रहे हैं। इस मीट में हिस्सा लेने के लिए उन अधिकारियों को भी बुलाया गया है जो वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं।
पुलिस की जिम्मेदारी और चुनौतियाँ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस अधिकारियों के प्रति अपनी सराहना व्यक्त करते हुए कहा, “पुलिस का कार्य अन्य विभागों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। उन्हें हर परिस्थिति में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है, चाहे वह अपराध नियंत्रण हो या आपदा प्रबंधन।” उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में पुलिस के सामने कई नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं, लेकिन नई तकनीकों और प्रशिक्षण के माध्यम से इनका समाधान निकाला जा सकता है।
समाप्ति
आईपीएस सर्विस मीट का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को एक मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपने अनुभव साझा कर सकें, नवीनतम तकनीकों का ज्ञान प्राप्त कर सकें और अपने पेशेवर जीवन के तनाव से कुछ समय के लिए राहत पा सकें। यह कार्यक्रम पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक साबित होगा।