- सड़कें बह गईं राज्य में बारिश-बाढ़ से अब तक 386 की मौत, सामान्य से 43% ज्यादा हुई बारिश
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार देर रात बिलासपुर जिले के नम्होल इलाके में बादल फटने से तबाही का मंजर देखने को मिला। अचानक आए तेज पानी और मलबे में 10 से ज्यादा गाड़ियां दब गईं, जबकि कई सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा। कई घरों में भी दरारें आ गईं और लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर भागे। इसी बीच, मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र के सपड़ी रोह गांव में शनिवार सुबह करीब 4 बजे लैंडस्लाइड (भूस्खलन) हुआ। देखते ही देखते मलबा कई घरों के अंदर घुस गया। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करते हुए 8 घरों को खाली कराया। ग्रामीणों को पास के स्कूल और सुरक्षित इमारतों में शिफ्ट किया गया।
बारिश-बाढ़ से अब तक 386 मौतें
हिमाचल में इस मानसून सीजन में बारिश और बाढ़ की घटनाओं से मौत का आंकड़ा 386 तक पहुंच गया है।
- पिछले 24 घंटे में दर्जनों छोटे-बड़े भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएं सामने आई हैं।
- राज्य के कई हिस्सों में सड़कें टूटने, पुल बहने और बिजली आपूर्ति ठप होने से जनजीवन प्रभावित है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस बार हिमाचल में सामान्य से 43% ज्यादा बारिश हुई है।
- 1 जून से 12 सितंबर तक सामान्य बारिश का औसत 678.4 मिमी होता है।
- इस बार अब तक 967.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो राज्य के कई हिस्सों में आपदा का कारण बन रही है।
उन्नाव में गंगा उफान पर, 80 गांव बाढ़ की चपेट में
भारी बारिश का असर सिर्फ हिमाचल तक सीमित नहीं है, बल्कि निचले इलाकों में नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
- उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 23 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है।
- करीब 80 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
- 100 से ज्यादा परिवार अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
- लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है, जबकि प्रशासन ने राहत कैंप बनाए हैं।
फर्रुखाबाद में गंगा नदी के किनारे कटान तेज हो गया है।
- कई ग्रामीण अपने मकानों को खुद तोड़कर ईंटें और सरिया निकाल रहे हैं, ताकि इन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सके।
- लगातार कटान के कारण कई गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
मानसून की वापसी पर अपडेट
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी सामान्य समय से पहले शुरू हो सकती है।
- 15 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी शुरू होने की संभावना है।
- आमतौर पर यह प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से मानसून पूरी तरह लौट जाता है।
इस साल मानसून की शुरुआत भी समय से पहले हुई थी:
- 24 मई को केरल में मानसून ने दस्तक दी, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी था।
- इसके बाद मानसून 29 जून तक पूरे देश में फैल गया, जबकि सामान्यत: यह 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है।
राहत-बचाव कार्य में तेजी
राज्य सरकार और एनडीआरएफ की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में तैनात हैं।
- बिलासपुर और मंडी में बचाव कार्य जारी है।
- मलबे में फंसी गाड़ियों को निकालने और सड़कों की सफाई के लिए जेसीबी और भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- प्रशासन ने लोगों से नदियों और भूस्खलन प्रभावित इलाकों से दूर रहने की अपील की है।
VIDEO | The rising water level of the Ganga has forced several families living along the river in Bithoor in Uttar Pradesh's Kanpur district to abandon their homes and relocate to higher grounds.
— Press Trust of India (@PTI_News)
With settlements submerged, many of the affected people are living in makeshift… pic.twitter.com/DxrkyssvptVIDEO | The rising water level of the Ganga has forced several families living along the river in Bithoor in Uttar Pradesh's Kanpur district to abandon their homes and relocate to higher grounds.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 13, 2025
With settlements submerged, many of the affected people are living in makeshift… pic.twitter.com/Dxrkyssvpt
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