बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाना मेरे लिए संतोषजनक रहा: CJI बीआर गवई
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर एक्शन पर दिया गया फैसला उनके लिए बेहद संतोषजनक रहा। उन्होंने कहा कि यह फैसला सिर्फ कानूनी ही नहीं बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अहम था। किसी परिवार को सिर्फ इसलिए सज़ा नहीं दी जा सकती कि उसका कोई एक सदस्य अपराधी है।
मुख्य न्यायाधीश गवई ने यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एकेडमिक मंच ‘269वें फ्राइडे ग्रुप’ के एक कार्यक्रम में की। उन्होंने बताया कि इस फैसले की बेंच में उनके साथ जस्टिस केवी विश्वनाथन भी शामिल थे। गवई ने साफ कहा कि हालांकि फैसले का श्रेय उन्हें दिया गया, लेकिन इस निर्णय को लिखने का वास्तविक श्रेय जस्टिस विश्वनाथन को भी मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का नवंबर 2024 का ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में बुलडोजर एक्शन पर कड़ा फैसला सुनाया था। अदालत ने साफ कहा था कि प्रशासनिक अधिकारी जज की भूमिका नहीं निभा सकते। यह तय करना कि कोई दोषी है या नहीं, केवल अदालत का अधिकार क्षेत्र है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी निर्माण को गिराना हो तो कम से कम 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए। यदि बिना नोटिस बुलडोजर चलाया जाता है, तो उस निर्माण को अफसर के खर्च पर दोबारा बनवाना पड़ेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 15 गाइडलाइंस जारी की थीं, ताकि भविष्य में इस तरह की कार्रवाई में मनमानी न हो सके।
गवई ने कहा कि यह फैसला सिर्फ न्यायिक व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक नहीं था, बल्कि इसमें संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) की आत्मा झलकती है।

CJI गवई के हाल के प्रमुख बयान
- 16 सितंबर 2025 – खजुराहो मंदिर मामला
जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने की याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा— “जाओ और भगवान से ही कुछ करने को कहो।” हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनकी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। - 23 अगस्त 2025 – परीक्षा और सफलता पर विचार
गवई ने कहा था कि परीक्षा में मिले अंक और रैंक सफलता की गारंटी नहीं हैं। असली सफलता मेहनत, लगन और समर्पण से मिलती है। उन्होंने कानूनी शिक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया और कहा कि सुधार सिर्फ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी तक सीमित न रहे। - 9 अगस्त 2025 – सरकारी आवास खाली करने पर बयान
जस्टिस सुधांशु धूलिया के विदाई समारोह में गवई ने कहा था कि नवंबर में सेवानिवृत्ति से पहले उपयुक्त घर मिलना मुश्किल है, लेकिन वे नियमों के तहत समय पर सरकारी आवास खाली कर देंगे।
क्यों महत्वपूर्ण है बुलडोजर एक्शन पर फैसला?
पिछले कुछ वर्षों में देश के कई राज्यों में बुलडोजर एक्शन प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा बन गया है। अपराधियों या संदिग्धों से जुड़े परिवारों के घर और दुकानों को बिना नोटिस गिराने की घटनाएं सामने आती रही हैं। इसे लेकर मानवाधिकार संगठनों और कानूनी विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और प्रशासनिक शक्तियां भी न्यायिक समीक्षा के दायरे में आती हैं। इस निर्णय ने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करते हुए न्यायपालिका की संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित किया।
गवई का कार्यकाल और छवि
मुख्य न्यायाधीश गवई नवंबर 2025 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपने कार्यकाल में वे कई बार साफगोई और संवेदनशील टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहे। बुलडोजर एक्शन पर उनका रुख बताता है कि वे कानून की सख्ती के साथ-साथ मानवीय पहलुओं को भी बराबर महत्व देते हैं।
उनका यह कहना कि फैसले का श्रेय पूरी तरह उनका नहीं बल्कि जस्टिस विश्वनाथन का भी है, न्यायपालिका के भीतर सहयोग और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है।
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