विक्ट्री डे परेड: चीन ने दिखाई अमेरिका तक मार करने वाली मिसाइलें, जिनपिंग माओ जैसी ड्रेस में पहुंचे

बीजिंग। दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 साल पूरे होने के अवसर पर चीन ने बुधवार को राजधानी बीजिंग के तियानआनमेन चौक पर भव्य विक्ट्री डे परेड आयोजित की। राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस परेड के मुख्य आकर्षण रहे। उन्होंने माओ त्से तुंग जैसी ड्रेस पहनकर परेड की सलामी ली और राष्ट्र को संबोधित किया। अपने भाषण में जिनपिंग ने कहा कि चीन किसी भी प्रकार की धमकी से नहीं डरता और अपने मार्ग पर हमेशा आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने नागरिकों से इतिहास को याद रखने और जापान के खिलाफ लड़ने वाले सैनिकों को सम्मान देने की अपील की।

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सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

इस परेड का सबसे बड़ा संदेश चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति था। परेड में जिन हथियारों को प्रस्तुत किया गया, उनमें कई अत्याधुनिक और रणनीतिक महत्व के हथियार शामिल थे।

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  • हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स (Hypersonic Glide Vehicles): ये हथियार ध्वनि की गति से कई गुना तेज चलते हैं और किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को भेद सकते हैं।
  • वायजे-21 (YJ-21) एंटी-शिप क्रूज मिसाइल: इसे विशेष रूप से अमेरिकी नौसैनिक ताकत को चुनौती देने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • जेएल-3 (JL-3) पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल: यह मिसाइल परमाणु हमला करने की क्षमता रखती है और दूर से ही लक्ष्य साध सकती है।
  • डीएफ-5सी न्यूक्लियर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (DF-5C ICBM): इसका एडवांस वर्जन 6एफ भी परेड में दिखाया गया। इस मिसाइल की सबसे खास बात यह है कि यह अमेरिका तक मार कर सकती है।
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जिनपिंग का संदेश और रणनीतिक संकेत

राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपने भाषण में चीन की सामरिक मजबूती और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। उन्होंने यह साफ किया कि चीन न केवल अपने इतिहास और शहीदों को सम्मान देता है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी पूरी तरह तैयार है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दक्षिण चीन सागर, ताइवान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।

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वैश्विक स्तर पर संदेश

इस परेड को केवल चीन का आंतरिक आयोजन नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। विशेष रूप से डीएफ-5सी मिसाइल का प्रदर्शन अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है। वहीं, हाइपरसोनिक और एंटी-शिप मिसाइलों का प्रदर्शन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं को उजागर करता है।

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चीन ने इस परेड के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि वह न केवल एशिया में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी सैन्य ताकत का अहसास कराना चाहता है। माओ जैसी ड्रेस में जिनपिंग का आना यह भी दर्शाता है कि चीन अपनी पुरानी क्रांतिकारी विरासत और वर्तमान शक्ति दोनों को जोड़कर विश्व राजनीति में अपनी अलग पहचान स्थापित करना चाहता है।