October 15, 2025 11:28 AM

चीन में भीषण बर्फीले तूफान में फंसे 137 पर्वतारोही सुरक्षित निकाले गए, एक की मौत, 200 से अधिक के लिए बचाव अभियान जारी

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चीन में बर्फीले तूफान में फंसे 137 पर्वतारोही सुरक्षित निकाले गए, एक की मौत, 200 से अधिक के लिए बचाव अभियान जारी

बीजिंग, 7 अक्टूबर। उत्तर-पश्चिम चीन के किंगहाई प्रांत में माउंट एवरेस्ट (स्थानीय नाम – माउंट जोमोलंगमा) की पूर्वी ढलान के निकट शनिवार को आए अचानक भीषण बर्फीले तूफान ने दर्जनों पर्वतारोहियों को संकट में डाल दिया। अब तक 137 पर्वतारोहियों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि एक पर्वतारोही की मौत की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने बताया कि अभी भी 200 से अधिक लोग बर्फ में फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है।

ऊंचाई पर तेज़ बर्फीली आंधी से बिगड़े हालात

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, शनिवार दोपहर जब पर्वतारोही मेंयुआन काउंटी के लाओहुगौ क्षेत्र में ट्रेकिंग पर थे, तभी अचानक बर्फीला तूफान आया। यह क्षेत्र समुद्र तल से 4,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है, जहां मौसम बेहद ठंडा और अस्थिर रहता है। तूफान के दौरान दृश्यता एक मीटर से भी कम रह गई और तेज हवाओं के साथ भारी बर्फबारी होने लगी। इससे न केवल ट्रेकिंग मार्ग पूरी तरह ढक गया बल्कि पर्वतारोहियों के साथ आया उपकरण और सामान भी बर्फ के नीचे दब गया।

सूत्रों के अनुसार, हाइपोथर्मिया (अत्यधिक ठंड लगना) और ऑक्सीजन की कमी से एक पर्वतारोही की मौत हुई। कई पर्वतारोही शारीरिक रूप से कमजोर हैं और उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है।

300 से अधिक कर्मियों की तैनाती, ड्रोन से निगरानी

सूचना मिलते ही किंगहाई प्रांत के हाइबेई प्रिफेक्चर प्रशासन ने सार्वजनिक सुरक्षा विभाग, आपातकालीन सेवा दलों और स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से बचाव कार्य शुरू किया।
अधिकारियों ने बताया कि इस कठिन अभियान में 300 से अधिक रेस्क्यू कर्मियों को तैनात किया गया है। खोज अभियान में दो मध्यम आकार के ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जो पहाड़ी क्षेत्र की वास्तविक स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और फंसे पर्वतारोहियों की सही लोकेशन का पता लगाने में मदद कर रहे हैं।

इसके साथ ही, तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने के कारण रेस्क्यू टीमों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रास्तों पर बर्फ और हिमखंडों के कारण बचाव वाहन आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, ऐसे में रेस्क्यू कर्मी कई किलोमीटर तक पैदल चलकर पर्वतारोहियों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।

फंसे पर्वतारोहियों से हुआ संपर्क

अधिकारियों ने बताया कि जिन पर्वतारोहियों को अब तक बचाया नहीं जा सका है, उनसे रेडियो संचार और सैटेलाइट फोन के जरिए संपर्क स्थापित कर लिया गया है। उन्हें खाद्य सामग्री, ऑक्सीजन सिलेंडर और थर्मल कंबल पहुंचाए जा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि सभी फंसे हुए पर्वतारोहियों को जल्द सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। फिलहाल उन्हें अस्थायी बर्फीले आश्रयों में रखा गया है, जहां तापमान नियंत्रण और मेडिकल टीमों की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

चीन के सबसे खतरनाक पर्वतीय क्षेत्रों में से एक

लाओहुगौ ग्लेशियर क्षेत्र चीन के सबसे कठिन और जोखिमपूर्ण ट्रेकिंग इलाकों में से एक माना जाता है। यहां मौसम अचानक बदल जाता है और तेज बर्फीली हवाएं मिनटों में ट्रेकिंग मार्गों को ढक देती हैं। यह क्षेत्र वैज्ञानिक अनुसंधान, पर्वतारोहण और एडवेंचर टूरिज्म के लिए लोकप्रिय है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने से इस क्षेत्र का मौसम और भी अधिक अस्थिर हो गया है।

स्थानीय मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने इस क्षेत्र में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग गतिविधियों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता।

प्रधानमंत्री कार्यालय की सतर्क निगरानी

चीन के आपात प्रबंधन मंत्रालय (Emergency Management Ministry) ने बचाव कार्यों की निगरानी के लिए एक विशेष कोऑर्डिनेशन टीम गठित की है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभागों को भी निर्देश दिया गया है कि सभी निकाले गए पर्वतारोहियों को तात्कालिक चिकित्सा सुविधा दी जाए।

मौके से मिली रिपोर्टों के अनुसार, अब तक निकाले गए पर्वतारोहियों में कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। हालांकि, उनकी राष्ट्रीयता की जानकारी आधिकारिक रूप से जारी नहीं की गई है।

स्थानीय निवासियों ने दिखाई मानवता

रिपोर्टों के मुताबिक, स्थानीय ग्रामीणों और स्वयंसेवकों ने भी बचाव कार्यों में मदद की है। उन्होंने अपने घरों को अस्थायी आश्रय स्थल में बदला और फंसे हुए पर्वतारोहियों को गर्म भोजन और कपड़े उपलब्ध कराए। स्थानीय प्रशासन ने इन ग्रामीणों की मानवीय संवेदनशीलता और साहसिक योगदान की सराहना की है।

हाल के वर्षों में बढ़ी पर्वतीय आपदाएं

गौरतलब है कि चीन के हिमालयी और तिब्बती क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में बर्फीले तूफानों और हिमस्खलनों की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका एक प्रमुख कारण जलवायु असंतुलन और तापमान में तीव्र उतार-चढ़ाव है। इससे पर्वतारोहण जैसी गतिविधियों के लिए खतरा और बढ़ गया है।

सरकार ने पर्वतारोहियों को चेतावनी दी है कि जब तक मौसम स्थिर नहीं हो जाता, तब तक ट्रेकिंग अभियानों को स्थगित रखा जाए।

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