Trending News

April 20, 2025 6:07 AM

भारत-चीन व्यापार में नया मोड़: चीन तैयार व्यापार घाटा कम करने और भारतीय कंपनियों को अवसर देने को

china-invites-indian-business-reduce-trade-deficit

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लंबे समय से असंतुलित व्यापारिक संबंधों को लेकर जो चिंताएं रही हैं, उनमें अब कुछ सकारात्मक बदलाव की उम्मीद नजर आ रही है। लगभग 100 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को लेकर भारत की ओर से समय-समय पर जताई गई चिंता के बाद अब चीन खुद इस घाटे को कम करने को तैयार है।

ट्रंप के टैरिफ के झटकों ने बदले चीन के सुर

यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण चीन पर वैश्विक दबाव बढ़ा है। अमेरिकी बाजारों में झटके खाने के बाद अब चीन की नजरें भारत जैसे उभरते और बड़े उपभोक्ता बाजारों पर टिक गई हैं

चीन के नए राजदूत का संदेश: भारत से मजबूत साझेदारी की इच्छा

भारत में हाल ही में नियुक्त चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने एक प्रमुख मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि,

“चीन भारत के साथ स्थायी और संतुलित व्यापार संबंध चाहता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि,
“हम भारत के व्यापार घाटे को कम करने के लिए ठोस प्रयास करेंगे और भारतीय उत्पादों को चीनी बाजार में बेहतर पहुंच देंगे।”

भारतीय कंपनियों को चीन में व्यापार का न्योता

राजदूत जू ने यह स्पष्ट किया कि प्रीमियम और गुणवत्ता वाले भारतीय प्रोडक्ट्स का चीनी बाजार में स्वागत है। उन्होंने चीन में मौजूद विशाल मध्यम आय वर्ग, बढ़ती उपभोक्ता मांग, और तेजी से विकसित हो रहे उपभोग के माहौल का जिक्र करते हुए भारतीय कंपनियों को निवेश और व्यापार के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने बताया कि पिछले साल चीन ने भारत से

  • मिर्च (Chilies)
  • लौह अयस्क (Iron Ore)
  • सूती धागा (Cotton Yarn)
    जैसे उत्पादों का आयात किया, जिनमें क्रमशः 17%, 160%, और 240% से अधिक की निर्यात वृद्धि दर्ज की गई।

चीन ने दी व्यापारिक मंचों की जानकारी

जू फेइहोंग ने यह सुझाव भी दिया कि भारतीय कंपनियों को चीन के इंटरनेशनल एक्सपो प्लेटफॉर्म्स का लाभ उठाना चाहिए, जैसे –

  • चाइना इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो (CIIE)
  • चाइना-एशिया एक्सपो
  • चाइना इंटरनेशनल कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक्सपो
    इन मंचों के ज़रिए भारतीय कारोबारी सीधे चीनी खरीदारों और उपभोक्ताओं से जुड़ सकते हैं

पारस्परिक लाभ और पारदर्शिता की उम्मीद

चीनी राजदूत ने भारत सरकार से यह भी उम्मीद जताई कि चीनी उद्योगों को भारत में निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण माहौल मिलेगा
उन्होंने कहा –

“हम चाहते हैं कि भारत हमारी चिंताओं को भी गंभीरता से ले और दोनों देश व्यापारिक दृष्टि से एक-दूसरे के लिए सहायक बनें।”

क्या भारत इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगा?

भारत लगातार मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और चाइना प्लस वन रणनीति को बढ़ावा दे रहा है, जिससे विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे में चीन का यह झुकाव दोनों देशों के आर्थिक समीकरणों को नया आकार दे सकता है, बशर्ते रणनीतिक और सुरक्षा चिंताओं का संतुलन साधा जाए।

निष्कर्ष में – भारत और चीन के रिश्तों में नया अवसर

भारत और चीन के बीच वर्षों से व्यापार घाटे को लेकर जारी असंतुलन में अब एक संवाद और समाधान की उम्मीद दिखाई दे रही है। जहां चीन अपने बाजार को खोलने को तैयार है, वहीं भारत को यह तय करना होगा कि किस हद तक सहयोग और प्रतिस्पर्धा का संतुलन रखा जा सकता है



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram