नई दिल्ली। अमेरिका के एफबीआई के पूर्व शीर्ष अधिकारी काश पटेल ने एक चौंकाने वाला दावा किया है कि चीन अमेरिका में फेंटेनाइल ड्रग्स की तस्करी के लिए भारत और मेक्सिको के रास्तों का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस खतरनाक साजिश में सहभागी नहीं, बल्कि अमेरिका के साथ मिलकर इसे नाकाम करने की कोशिश कर रहा है।
काश पटेल ने यह बयान जो रोगन पॉडकास्ट के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन जानबूझकर अमेरिका में फेंटेनाइल का जहर फैला रहा है, जबकि इसके लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों को महज़ ट्रांजिट पॉइंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
चीन का मकसद: अमेरिका को टारगेट करना
काश पटेल के अनुसार, फेंटेनाइल नामक यह बेहद खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स चीन में बनते हैं और फिर इन्हें भारत और अन्य देशों के जरिए मेक्सिको के ड्रग कार्टेल तक पहुँचाया जाता है। इन कार्टेलों के ज़रिए ये ड्रग्स अमेरिका में भेजे जाते हैं, जिससे वहां हजारों मौतें हो रही हैं।
उन्होंने साफ तौर पर कहा,
“भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा या इंग्लैंड में फेंटेनाइल से किसी की मौत नहीं हुई है। इसका साफ मतलब है कि चीन का एकमात्र लक्ष्य अमेरिका को नुकसान पहुंचाना है।”
भारत से अमेरिका का सहयोग
काश पटेल ने बताया कि वह भारत में कई ऑपरेशनों को अंजाम दे चुके हैं और फेंटेनाइल से जुड़ी कंपनियों की पहचान में लगे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने भारत सरकार से औपचारिक बातचीत कर इस समस्या पर साथ काम करने का प्रस्ताव दिया है।
“मैंने भारत सरकार से मदद मांगी है। उन्हें बताया कि भारत के रास्ते यह ज़हर अमेरिका पहुँचाया जा रहा है। हम जल्द ही ऐसी कंपनियों को बंद करवा देंगे जो इसमें शामिल हैं।”
ड्रग रूट: चीन से भारत, फिर मेक्सिको और अमेरिका
काश पटेल ने इस तस्करी के संपूर्ण नेटवर्क को स्पष्ट किया। उनके अनुसार:
- फेंटेनाइल चीन में बनता है,
- इसे भारत और अन्य देशों में पहुंचाया जाता है ताकि पहचान छिपाई जा सके,
- इसके बाद यह मेक्सिको के ड्रग कार्टेल को भेजा जाता है,
- फिर इन कार्टेल्स के जरिए अमेरिका में इसकी बड़े पैमाने पर सप्लाई होती है।
अमेरिका में मौतों का कारण बना फेंटेनाइल
गौरतलब है कि फेंटेनाइल अमेरिका में ओपिऑइड संकट का प्रमुख कारण बन चुका है। यह ड्रग केवल कुछ मिलीग्राम में ही जानलेवा हो सकता है। 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में फेंटेनाइल से जुड़ी मौतों की संख्या 75,000 से अधिक रही।
चीन की भूमिका पर संदेह
काश पटेल ने चीन की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और जैविक युद्ध जैसा हथियार है, जिसे ड्रग्स के रूप में अमेरिका के खिलाफ प्रयोग किया जा रहा है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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