October 15, 2025 9:44 PM

सुप्रीम कोर्ट में हंगामा : चीफ जस्टिस की ओर कुछ फेंकने की कोशिश, 71 वर्षीय वकील हिरासत में

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सुप्रीम कोर्ट में हंगामा: चीफ जस्टिस पर कुछ फेंकने की कोशिश, 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर गिरफ्तार

नई दिल्ली, 06 अक्टूबर। देश की सर्वोच्च अदालत में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना हुई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने अचानक उनकी ओर कुछ फेंकने की कोशिश की।
यह व्यक्ति वकील के रूप में अदालत में उपस्थित था। बाद में उसकी पहचान राकेश किशोर (उम्र 71 वर्ष) के रूप में की गई, जो दिल्ली बार का सदस्य बताया जा रहा है। पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया है।


कोर्टरूम में अफरातफरी, पुलिस की तत्परता से बची बड़ी घटना

घटना सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर-1 में सुनवाई के दौरान हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब चीफ जस्टिस गवई किसी मामले की सुनवाई कर रहे थे, तभी वकील राकेश किशोर ने अचानक कुछ निकालकर उनकी ओर फेंकने की कोशिश की।
पास ही मौजूद दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल ने तुरंत सतर्कता दिखाई और आरोपी को पकड़ लिया।

पुलिस द्वारा पकड़े जाने के दौरान आरोपी ज़ोर से चिल्लाया —

सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान!

अचानक हुई इस हरकत से कुछ पल के लिए कोर्टरूम में सन्नाटा और तनाव का माहौल बन गया, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य कर ली गई।


भगवान विष्णु पर की गई टिप्पणी से नाराज था वकील

पुलिस के अनुसार, आरोपी वकील राकेश किशोर कथित रूप से जस्टिस गवई के हालिया बयान से आहत था, जिसमें उन्होंने एक पुरानी सुनवाई के दौरान भगवान विष्णु से संबंधित टिप्पणी की थी।
बताया गया कि वह इस टिप्पणी को “सनातन धर्म का अपमान” मान रहा था और इसी वजह से उसने यह कदम उठाया।

प्राथमिक पूछताछ में आरोपी ने कहा कि उसने किसी को नुकसान पहुँचाने की नीयत से वस्तु नहीं फेंकी, बल्कि “अपना विरोध दर्ज कराने” के लिए ऐसा किया। हालांकि, पुलिस ने इस बयान को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी है।


चीफ जस्टिस रहे शांत, कहा — “मुझे फर्क नहीं पड़ता”

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पूरी तरह शांत बने रहे। उन्होंने न तो सुनवाई रोकी, न ही कोई टिप्पणी की। बाद में उन्होंने हल्की मुस्कान के साथ कहा —

“इन चीज़ों से मुझे फर्क नहीं पड़ता।”

इसके बाद सुनवाई सामान्य रूप से जारी रही। जस्टिस गवई के इस संयमित रवैये की सोशल मीडिया और न्यायिक समुदाय में सराहना की जा रही है।


पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की

दिल्ली पुलिस ने आरोपी वकील राकेश किशोर को हिरासत में लेकर तिलक मार्ग थाना ले जाया गया है। उसके खिलाफ सार्वजनिक शांति भंग करने, न्यायालय की कार्यवाही में बाधा डालने, और संवेदनशील टिप्पणी को लेकर उकसावे के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
सुरक्षा एजेंसियाँ यह भी जांच कर रही हैं कि उसने कोर्ट में कौन-सी वस्तु लेकर प्रवेश किया और सुरक्षा जांच में वह कैसे रह गया।


अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट और अन्य उच्च न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को अदालत में वस्तु फेंकने या इस तरह का विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह न केवल न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ है बल्कि अदालत की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठाता है।

वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. माथुर ने कहा,

“यह घटना न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है। इस तरह की हरकतों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”


न्यायपालिका ने पहले भी झेली हैं ऐसी घटनाएँ

यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी जज या न्यायालय को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा हो।
2019 में दिल्ली की एक अदालत में एक व्यक्ति ने जज की ओर जूता फेंका था। 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट में भी एक व्यक्ति ने कोर्ट में कुर्सी पलट दी थी।
ऐसे मामलों के बाद अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था में इस तरह की घटना होना बेहद चिंताजनक है।


घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट प्रशासन के अधीन

सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने कहा है कि घटना की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की जाएगी, जो यह देखेगी कि सुरक्षा में चूक कहाँ हुई।
दिल्ली पुलिस को भी विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और उसके मानसिक स्वास्थ्य का भी परीक्षण कराया जा सकता है।



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