छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले के ग्राम खूनाझिरखुर्द में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां कुआं गहरीकरण के दौरान धंस गया और उसमें फंसे तीन मजदूरों की मलबे में दबने से मौत हो गई। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
कैसे हुआ हादसा?
ग्राम खूनाझिरखुर्द में ऐशराव वस्त्राणे के खेत में एक पुराने कुएं का गहरीकरण किया जा रहा था। मंगलवार शाम करीब चार बजे यह हादसा हुआ जब मिट्टी धंस गई। हादसे के वक्त छह मजदूर कुएं में काम कर रहे थे। इनमें से तीन मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन तीन मजदूर मलबे में फंस गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और होमगार्ड की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया। रात 10 बजे भोपाल से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर जारी रहा। मजदूरों की सांसें चलती रहें, इसके लिए कुएं में ऑक्सीजन सिलेंडर से हवा पहुंचाई गई और जाली लगाई गई।
22 घंटे लंबे इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बुधवार दोपहर एनडीआरएफ की टीम ने तीनों मजदूरों के शव बाहर निकाले।
मृतकों की पहचान
मृतकों की पहचान इस प्रकार की गई:
- वासिद (18), पुत्र कल्लू खान, निवासी सुल्तानपुर, जिला रायसेन
- राशिद (18), पुत्र नन्हे खान, निवासी तुलसीपार बुधनी, जिला सीहोर
- शहजादी (50), पत्नी नन्हे खान, निवासी तुलसीपार बुधनी, जिला सीहोर
प्रशासन की प्रतिक्रिया
छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासन ने मजदूरों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए। खुदाई के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरती गई ताकि और मिट्टी न धंसे। इसके बावजूद मजदूरों को बचाया नहीं जा सका।
मुख्यमंत्री की संवेदनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह घटना अत्यंत दुखद है। राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।”
स्थानीय लोगों में शोक
इस हादसे के बाद ग्राम खूनाझिरखुर्द और आसपास के इलाकों में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और प्रशासन से भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है।
इस घटना ने एक बार फिर से निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।