छत्तीसगढ़ गरियाबंद मुठभेड़: 1 करोड़ के इनामी बालकृष्ण समेत 10 नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई है। मैनपुर थाना क्षेत्र के घने जंगलों में हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 1 करोड़ के इनामी मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सलियों को मार गिराया है। गोलीबारी अभी भी जारी है, जिससे इलाके में तनाव और सतर्कता बनी हुई है।

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कैसे शुरू हुई मुठभेड़?

जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबल नक्सल विरोधी अभियान के तहत जंगलों में तलाशी अभियान पर थे। इसी दौरान नक्सलियों ने अचानक उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद दोनों ओर से जवाबी कार्रवाई हुई और मुठभेड़ शुरू हो गई। रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने पुष्टि की कि जंगल में नक्सलियों के शव पड़े हैं, लेकिन इलाके में आईईडी होने का खतरा है। रात के समय सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है और सुबह फिर से अभियान शुरू होगा।

कौन-कौन सी टीमें शामिल थीं?

इस बड़े ऑपरेशन में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), कोबरा बटालियन (सीआरपीएफ की विशेष कमांडो यूनिट) और राज्य पुलिस बल की टीमें शामिल हैं। एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि नक्सलियों की गतिविधियों की खुफिया जानकारी मिलने के बाद करीब 400 जवानों को इस अभियान में लगाया गया।

जनवरी में भी बड़ी कार्रवाई

गरियाबंद जिला नक्सलियों के लिए लंबे समय से सुरक्षित ठिकाना रहा है। इसी साल 24 जनवरी को यहां करीब 80 घंटे तक चला एक बड़ा ऑपरेशन हुआ था, जिसमें 16 नक्सलियों को मार गिराया गया था। उनमें से 12 पर कुल 3 करोड़ 16 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

उस मुठभेड़ में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य चलपति ऊर्फ अप्पा राव भी मारा गया था। चलपति पर 90 लाख का इनाम था और वह गरियाबंद-नुआपड़ा-धमतरी डिवीजन से तीन राज्यों में नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करता था।

महीनों से सक्रिय था गिरोह

एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि मोडेम बालकृष्ण और उसके साथी पिछले कई महीनों से इसी इलाके में सक्रिय थे। यह गिरोह पंचायत चुनावों को प्रभावित करने और अपनी मासिक बैठकें करने के लिए गांव-गांव में आता-जाता था। इसी बीच खुफिया एजेंसियों को पुख्ता सूचना मिली और सुरक्षाबलों ने रणनीति बनाकर अभियान शुरू किया।

सुरक्षाबलों की बड़ी उपलब्धि

इस ऑपरेशन में मारे गए 10 नक्सलियों में कई पर लाखों का इनाम घोषित था। इनमें मोडेम बालकृष्ण सबसे बड़ा नाम है, जिस पर अकेले 1 करोड़ का इनाम था। नक्सलियों के मारे जाने से इलाके में उनकी पकड़ कमजोर होगी और स्थानीय लोगों में भी भय का माहौल कुछ कम होगा।

आगे की चुनौती

आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि इलाके में अभी और नक्सलियों की मौजूदगी की आशंका है। आईईडी और छिपे हुए नक्सलियों की वजह से तलाशी अभियान चुनौतीपूर्ण है। सुरक्षाबल फिलहाल इलाके को पूरी तरह घेरकर सुबह से फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू करेंगे।

यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इसमें लंबे समय से सक्रिय और बड़े इनामी नक्सलियों का खात्मा हुआ है।