उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन, पूरे बिहार में उमड़ा आस्था का सागर
पटना सहित पूरे बिहार में गंगा तटों पर उमड़ा आस्था का सागर, नीतीश कुमार ने भी किया अर्घ्य अर्पण
पटना । बिहार में आस्था, अनुशासन और पवित्रता के प्रतीक चार दिवसीय महापर्व छठ का मंगलवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ विधिवत समापन हो गया। राज्यभर में लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर और छठी मैया के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर गंगा के घाटों से लेकर गांवों के तालाबों और सरोवरों तक भक्ति और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई दी।
राजधानी पटना के एक अणे मार्ग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने परिवार के साथ उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।

पूरे बिहार में भक्ति और आस्था का माहौल
राजधानी पटना सहित मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, गया और सिवान समेत राज्य के सभी जिलों में श्रद्धालुओं ने गंगा, कोसी और सोन नदियों के तटों पर व्रत का पालन करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। सोमवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद मंगलवार को उदीयमान सूर्य की पूजा के साथ व्रत संपन्न हुआ।
सोमवार शाम को घाटों पर दीपों की रौशनी और भक्तों के भजनों ने अलौकिक दृश्य बना दिया। महिलाओं ने सिर पर पूजा की टोकरी रखकर जल में खड़े होकर भगवान भास्कर की आराधना की। वातावरण “छठी मैया के जयकारों” से गूंजता रहा।

पटना के घाटों पर दिव्यता और सुरक्षा का संगम
पटना के काली घाट, कदम घाट, कृष्णा घाट, दाऊदपुर घाट और पटना कॉलेज घाट पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। नदी में तैरती दीपमालाओं की झिलमिलाहट और सूर्य उपासना के स्वर ने घाटों को अद्भुत आभा प्रदान की।
जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए थे। पटना के 78 प्रमुख घाटों पर प्रशासनिक टीमें तैनात रहीं, जबकि 60 कृत्रिम तालाबों का निर्माण भी कराया गया ताकि अधिक भीड़ वाले इलाकों में व्रती सुरक्षित रूप से अर्घ्य अर्पित कर सकें।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत 187 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और गंगा व सहायक नदियों के 550 घाटों पर छठ पर्व मनाया गया। इन घाटों पर 444 गोताखोर तैनात किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।

राजनीति में भी छठ का ठहराव
छठ पर्व की वजह से सोमवार को बिहार की राजनीति में भी पूर्ण विराम सा लग गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने-अपने आवास पर परिवार के साथ छठ मनाया। सभी नेताओं ने व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।
वहीं विपक्षी महागठबंधन ने भी छठ के पावन अवसर पर अपनी राजनीतिक गतिविधियां स्थगित रखीं। बताया गया कि गठबंधन मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी करेगा।
छठ पर्व की परंपरा और महत्व
छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक पर्व माना जाता है। इसे प्रकृति, जल, वायु और सूर्य की उपासना के रूप में देखा जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के चार चरण शामिल होते हैं।
व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं और अंत में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। इस दौरान पूरे राज्य में शुद्धता, अनुशासन और पारिवारिक एकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
राजधानी पटना में दिखा अद्भुत नजारा
मंगलवार सुबह जैसे ही सूर्य की पहली किरणें निकलीं, श्रद्धालुओं ने जल में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया। गंगा तट पर हजारों महिलाओं ने पूजा की टोकरी में ठेकुआ, केला, नारियल और अन्य प्रसाद रखकर भगवान सूर्य और छठी मैया से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
गंगा किनारे का दृश्य देखते ही बनता था — दीपों की रोशनी, शंखध्वनि, लोकगीतों की गूंज और व्रतियों की श्रद्धा ने बिहार की इस पारंपरिक आस्था को एक बार फिर जीवंत कर दिया।

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