- ग्रामीणों ने मारे पत्थर, वन विभाग ने दी समझाइश

श्योपुर। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक माह पहले बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक जंगल की सीमा से बाहर निकल आए। सोमवार सुबह श्योपुर की विजयपुर तहसील के भैरोपुरा गांव में मादा चीता ने एक बछड़े पर हमला कर दिया। हमले को देखकर बछड़े के मालिक और ग्रामीणों ने चीतों पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। हालांकि, कूनो की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाया कि वे ऐसा न करें।

चीतों का पार्क से बाहर निकलना

मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों को एक माह पहले खुले जंगल में छोड़ा गया था। लेकिन शनिवार शाम को ये चीते पहली बार पार्क की सीमा से बाहर चले गए। रविवार दोपहर बाद चीते वापस कूनो के जंगल की ओर लौटे थे, लेकिन रात में वीरपुर तहसील के ग्राम श्यामपुर के पास इन्हें फिर देखा गया।

सोमवार सुबह ये पांचों चीते कूनो सायफन के पास पहुंचे और कूनो नदी तक आ गए। वे निर्माणाधीन श्योपुर-ग्वालियर ब्रॉडगेज रेलवे ट्रैक से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर थे और काफी देर तक निर्माणाधीन रेलवे पुल के नीचे बैठे रहे। इस दौरान कूनो सायफन से गुजरने वाले राहगीरों की भीड़ चीतों को देखने के लिए जमा हो गई।

ग्रामीणों ने किया बचाव का प्रयास

मादा चीता और उसके शावक एक-एक कर रास्ता पार कर रहे थे, तभी उन्होंने गाय के बछड़े पर हमला कर दिया। यह देखकर ग्रामीणों ने उन्हें भगाने की कोशिश की। कुछ ग्रामीण लाठी लेकर दौड़े और चीतों पर पत्थर मारना शुरू कर दिया।

मादा चीता ज्वाला ने काफी देर तक बछड़े का गला पकड़े रखा। जैसे ही ग्रामीणों ने पत्थर बरसाए, उसने बछड़े को छोड़ दिया और अपने शावकों के साथ जंगल की ओर भाग निकली। इस दौरान कूनो नेशनल पार्क की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया कि वे चीतों पर हमला न करें, क्योंकि बछड़े का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जाता है।

चीतों की निगरानी में जुटी टीम

मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों की निगरानी के लिए 15 सदस्यों की टीम तैनात की गई है। जब यह घटना हुई, तब निगरानी दल का एक हिस्सा पीछे रह गया था और दूसरा दल चीतों के आसपास ही मौजूद था।

कूनो नेशनल पार्क प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि यदि चीते उनके गांव के आसपास देखे जाएं तो वे तुरंत वन विभाग को सूचना दें और किसी भी तरह का हमला न करें। प्रशासन के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब चीते जंगल से बाहर निकले हैं, इसलिए उनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

स्वदेश ज्योति के द्वारा।

https://swadeshjyoti.com/uttarakhand-illegal-madrasas-funding-investigation/