August 2, 2025 4:27 AM

“श्रद्धा के पथ पर फिर से गूंजेगा जयकारा: चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ”

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चारधाम यात्रा प्रारंभ: श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे 8000 से अधिक घोड़ा-खच्चर संचालकगंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खुले, केदारनाथ-बदरीनाथ की बारी अब

देहरादून। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बुधवार से उत्तराखंड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके साथ ही यात्रा से जुड़े व्यवसायी, होटल-लॉज संचालक, परिवहन कारोबारी और विशेष रूप से घोड़ा-खच्चर संचालकों की आमदनी का द्वार भी खुल गया है।

यमुनोत्री-गंगोत्री में श्रद्धालुओं की चहल-पहल

बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 10:30 बजे और यमुनोत्री धाम के कपाट 11:57 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। दोनों ही स्थलों पर भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। प्रशासन ने पैदल मार्गों पर सुविधाओं में इस बार और अधिक सुधार किया है, ताकि श्रद्धालु सुखद और सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर सकें।

केदारनाथ के लिए अब तक 5000 से अधिक पंजीकरण

2 मई को सुबह 7:00 बजे शुभ मुहूर्त में केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इससे पहले ही गौरीकुंड से 18 किमी के पैदल मार्ग पर 2493 संचालकों द्वारा 5000 से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया जा चुका है। पशुपालन विभाग ने सभी जानवरों की स्वास्थ्य जांच के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए हैं।

यमुनोत्री में 3700 से अधिक जानवरों का पंजीकरण

यमुनोत्री यात्रा के लिए 3700 से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया गया है। जानकीचट्टी में अस्थाई पशु चिकित्सालय की स्थापना की गई है, जहां चार पशु चिकित्सक, चार पशुधन प्रसार अधिकारी और दो सहायक तैनात किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए छह गीजर भी लगाए गए हैं, ताकि ठंडे मौसम में जानवरों की देखभाल आसानी से की जा सके।

बुकिंग प्रणाली: प्री-पेड से होगा आवंटन

केदारनाथ मार्ग पर सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, लिचौंली और रुद्र प्वाइंट पर प्री-पेड बुकिंग काउंटर बनाए गए हैं। इसी तरह यमुनोत्री के लिए जानकीचट्टी में जिला पंचायत द्वारा प्री-पेड काउंटर स्थापित किया गया है। सभी संचालकों को नंबर युक्त जैकेट प्रदान की गई है, और हर दिन केवल एक बार ही धाम तक आवागमन की अनुमति दी गई है।

मुख्यमंत्री का आश्वासन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,

“श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद और आरामदायक हो, इसके लिए सड़क परिवहन से लेकर हेली सेवा और घोड़े-खच्चरों तक की सुविधा बेहतर की गई है। पशुपालन विभाग को निर्देशित किया गया है कि केवल पूरी तरह स्वस्थ जानवरों को ही यात्रा में लगाया जाए।”

चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा और आस्था का पर्व है, बल्कि यह हजारों स्थानीय लोगों की जीविका का साधन भी है। उत्तराखंड प्रशासन यात्रा की सफलता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सजग है।



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