जांच एजेंसियों को मिले सबूत, नेपाल और खाड़ी देशों तक फैला नेटवर्क
छांगुर का राष्ट्र विरोधी नेटवर्क: 500 करोड़ की विदेशी फंडिंग से देश में फैलाया धर्मांतरण
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण गिरोह का सरगना छांगुर उर्फ जलालुद्दीन अब राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से भी जुड़ा पाया गया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों और जांच एजेंसियों के हवाले से जो जानकारी सामने आई है, वह न केवल चौंकाने वाली है बल्कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
जांच एजेंसियों को मिले इनपुट के अनुसार छांगुर केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं था, बल्कि उसकी योजनाएं देश की जनसंख्या संरचना (डेमोग्राफी) को बदलने की थीं। इस उद्देश्य को साधने के लिए उसने एक सुव्यवस्थित नेटवर्क खड़ा किया था, जिसमें तीन हजार से अधिक लोगों को धर्मांतरण के लिए तैयार किया गया था।

प्रतिबंधित संगठनों से संबंध, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
छांगुर के संबंध न केवल देश में प्रतिबंधित संगठनों से थे, बल्कि उसका नेटवर्क कई इस्लामिक देशों तक फैला हुआ था। दुबई, सऊदी अरब और तुर्किए जैसे देशों में उसका गिरोह लगातार आता-जाता रहता था। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इन देशों से न केवल फंडिंग हो रही थी, बल्कि रणनीति और संसाधनों की आपूर्ति भी होती थी।
1500 हिंदू युवतियों का धर्मांतरण, 1000 युवक तैयार
जांच में सामने आया है कि छांगुर ने अकेले 1500 हिंदू युवतियों का धर्मांतरण कराया है। इसके अलावा, उसके गिरोह में 1000 से अधिक मुस्लिम युवक सक्रिय थे, जो देश के अलग-अलग राज्यों में धर्मांतरण की साजिशों को अंजाम दे रहे थे। यह सारा नेटवर्क लव जिहाद, लालच और प्रलोभन पर आधारित था।
यूपी के नौ जिलों में फैलाया जाल
छांगुर ने उत्तर प्रदेश के नौ से अधिक जिलों में अपने नेटवर्क को फैलाया था, जहां उसके सगे-संबंधी भी उसकी मदद कर रहे थे। वह युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर, पैसों या नौकरी का लालच देकर धर्मांतरण करता था।
नेपाल सहित कई राज्यों में सक्रियता
एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर का नेटवर्क नेपाल तक फैला हुआ है। इसके अलावा, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और चेन्नई में भी उसके सहयोगी सक्रिय हैं। अब तक छांगुर गिरोह से जुड़े आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
विदेशी फंडिंग से चला रहा था धर्मांतरण का रैकेट
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में सामने आया है कि छांगुर को विदेशों से कुल 500 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी। इनमें से करीब 300 करोड़ रुपये नेपाल के जरिए भारत भेजे गए थे। यह रकम भारत में हिंदुओं के धर्मांतरण पर खर्च की जा रही थी।
महाराष्ट्र में छापेमारी में मिले अहम दस्तावेज
छांगुर से जुड़े फंडिंग नेटवर्क की जांच के लिए ईडी ने हाल ही में महाराष्ट्र के दो ठिकानों पर छापा मारा। यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि छांगुर का गिरोह संगठित रूप से विदेशों से पैसे लेकर धर्मांतरण में लगा था।

जांच एजेंसियां कर रहीं पूरे नेटवर्क की तह तक जांच
वर्तमान में एटीएस, एनआईए और ईडी सहित विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियां छांगुर के नेटवर्क की गहराई से छानबीन कर रही हैं। उनका लक्ष्य केवल गिरोह का पर्दाफाश करना नहीं है, बल्कि उन सभी पीड़ितों की पहचान भी करना है जिन्हें जबरन या छल से धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया।
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