• चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बादल फटा, जिससे कुंटरी लंगाफली वार्ड में भारी तबाही मच गई
  • देहरादून से मसूरी जाने वाला 35 किलोमीटर का मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया

नई दिल्ली/देहरादून/भोपाल। उत्तराखंड में बारिश और बादल फटने की घटनाओं से स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। महज दो दिनों के भीतर राज्य में दूसरी बार बादल फटने की घटना सामने आई है। 17 सितंबर की देर रात चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बादल फटा, जिससे कुंटरी लंगाफली वार्ड में भारी तबाही मच गई। छह मकान मलबे में दब गए, जबकि 7 लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत एवं बचाव दल ने अब तक 2 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है।

इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून जिले में भी बादल फटने की घटना हुई थी। लगातार भारी बारिश के कारण देहरादून से मसूरी जाने वाला 35 किलोमीटर का मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क बंद होने से मसूरी में लगभग 2500 पर्यटक लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं। प्रशासन ने हेलीकॉप्टर की मदद से पर्यटकों को सुरक्षित निकालने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।


हिमाचल में बारिश से अब तक 419 मौतें

उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश भी बारिश और भूस्खलन की चपेट में है। यहां इस मानसून सीजन में भारी बारिश, अचानक बाढ़ और लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं में अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। कई जिलों में सड़कें और पुल बह गए हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

मौसम विभाग ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश, दोनों राज्यों के लिए अगले 48 घंटे का हाई अलर्ट जारी किया है। लोगों को नदियों और भूस्खलन संभावित इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है।


देश में बारिश का नया दौर आने की संभावना

इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल से दस्तक दी थी। 17 सितंबर तक देश में सामान्य से 8% अधिक बारिश दर्ज की गई है। हालांकि राजस्थान (पश्चिमी भाग), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू हो गई है, लेकिन इसके बावजूद देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, 25 या 26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक लो-प्रेशर एरिया बनने की संभावना है। इससे पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2 से 3 दिन तक भारी बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक बारिश दर्ज होने की संभावना है।


प्रशासन की चुनौतियां बढ़ीं

चमोली में बादल फटने की घटना के बाद राज्य आपदा प्रबंधन टीम राहत कार्य में जुटी है। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए सेना और एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है। वहीं, मसूरी में फंसे पर्यटकों के लिए अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं और उन्हें भोजन एवं पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।

बारिश के चलते बिजली और संचार सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ा है। कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित है और मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है, जिससे बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।