- नीति आयोग और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी कर रहे रणनीति पर विचार
नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 26% टैरिफ लगाए जाने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने सक्रिय रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में इस मुद्दे को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें नीति आयोग, वाणिज्य मंत्रालय, डीपीआईआईटी और अन्य प्रमुख विभागों के अधिकारी शामिल हुए। बताया जा रहा है कि बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव कर रहे हैं।
अमेरिका के फैसले के प्रभावों का विश्लेषण
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के असर का विस्तृत विश्लेषण कर रही है। उन्होंने कहा, “ट्रंप के लिए अमेरिका पहले है, और मोदी जी के लिए भारत पहले है।” वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, यह टैरिफ भारत के लिए बड़ा झटका नहीं है, लेकिन इसका मिलाजुला प्रभाव देखने को मिल सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत अमेरिका की चिंताओं को दूर करने की दिशा में कदम उठाता है, तो टैरिफ कम करने की संभावना हो सकती है।
अमेरिकी टैरिफ का असर और व्यापार समझौता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 26% टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने कहा था कि, “भारत बहुत सख्त रवैया अपनाता है। वे हमसे 52% शुल्क लेते हैं, जबकि हम उनसे लगभग कुछ भी नहीं लेते।” व्हाइट हाउस के अधिकारियों के अनुसार, यह नया टैरिफ 5 अप्रैल से प्रभावी होगा। इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा चल रही है, और दोनों देश इस साल सितंबर-अक्टूबर तक इसके पहले चरण को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।