July 4, 2025 9:15 AM

CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार: पहली अनिवार्य, दूसरी विकल्प; 2026 से लागू होगा नया पैटर्न

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सप्लीमेंट्री परीक्षा होगी बंद, एक ही रजिस्ट्रेशन से दोनों बार दे सकेंगे परीक्षा

नई दिल्ली।
सीबीएसई (CBSE) बोर्ड ने 10वीं के छात्रों के लिए परीक्षा पैटर्न में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए घोषणा की है कि 2026 से बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बुधवार को यह जानकारी दी। नई व्यवस्था के तहत पहली परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी, जबकि दूसरी परीक्षा वैकल्पिक होगी, जिसमें छात्र प्रदर्शन सुधारने के लिए भाग ले सकेंगे।


📘 नया परीक्षा पैटर्न: क्या-क्या बदलेगा?

  1. पहली परीक्षा फरवरी में, दूसरी मई में होगी।
    पहली परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य रहेगी। दूसरी परीक्षा केवल उन्हीं छात्रों के लिए होगी जो किसी विषय में बेहतर अंक लाना चाहते हैं।
  2. सप्लीमेंट्री परीक्षा समाप्त
    अब फेल या अंक सुधार के लिए अलग से सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी। छात्र मई में होने वाली दूसरी बोर्ड परीक्षा में ही सुधार कर सकेंगे।
  3. नतीजे अप्रैल और जून में जारी होंगे
    पहली परीक्षा के परिणाम अप्रैल, जबकि दूसरी के जून में जारी होंगे।

🔍 नई व्यवस्था की 3 अहम बातें

  • वैकल्पिक परीक्षा में अधिकतम तीन विषयों में सुधार का मौका मिलेगा। इनमें विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाएं शामिल हैं।
  • विंटर बाउंड स्कूलों (जो सर्दियों में बंद रहते हैं) को दोनों परीक्षाओं में से किसी एक में बैठने की आज़ादी होगी।
  • जो छात्र पहली परीक्षा में तीन या उससे ज्यादा विषयों में शामिल नहीं होते, वे दूसरी परीक्षा के पात्र नहीं होंगे।

📌 छात्रों के सामने होंगे तीन विकल्प

  1. साल में सिर्फ एक बार परीक्षा दें (फरवरी में)।
  2. दोनों परीक्षाओं में शामिल हों।
  3. कुछ विषयों में अच्छा प्रदर्शन न करने पर, सिर्फ उन्हीं विषयों में दोबारा परीक्षा दें (मई में)।

💡 दोनों बार परीक्षा दी, तो किसके अंक फाइनल माने जाएंगे?

अगर कोई छात्र दोनों परीक्षाएं देता है, तो बेहतर प्रदर्शन वाले परीक्षा के अंक ही फाइनल माने जाएंगे। यानी यदि दूसरी बार नंबर घटते हैं, तो पहली परीक्षा के अंक मान्य रहेंगे।


❌ सप्लीमेंट्री एग्जाम अब नहीं होंगे

अब 10वीं के छात्रों को अलग से सप्लीमेंट्री परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। जो छात्र किसी विषय में फेल होते हैं, उन्हें दूसरी परीक्षा में सुधार का मौका मिलेगा।


📍 एग्जाम सेंटर और रजिस्ट्रेशन: बार-बार की झंझट नहीं

  • परीक्षा केंद्र (एग्जाम सेंटर) दोनों बार वही रहेगा।
  • रजिस्ट्रेशन सिर्फ एक बार करना होगा। अगर छात्र दोनों परीक्षाओं का विकल्प चुनते हैं, तो फीस एक साथ ही ली जाएगी।

🧪 क्या प्रैक्टिकल एग्जाम भी दो बार होंगे?

नहीं। प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट केवल एक बार, पहले की तरह दिसंबर-जनवरी में ही होंगे।


📅 पृष्ठभूमि और नीति निर्माण

सीबीएसई द्वारा इस परीक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप माना जा रहा है, जो छात्रों को बेहतर प्रदर्शन के लिए दूसरा अवसर देने की बात कहती है।
इस फैसले से पहले 19 फरवरी 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में CBSE, NCERT, KVS और NVS के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें दो बार परीक्षा कराने की योजना को अंतिम रूप दिया गया।

2024 अगस्त में इस योजना का ड्राफ्ट तैयार हुआ था। उस समय भी शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जैसे JEE और अन्य प्रवेश परीक्षाएं साल में दो बार होती हैं, वैसे ही स्कूल स्तर पर भी बोर्ड परीक्षाओं को दो बार आयोजित किया जा सकता है।


✍️ 12वीं कक्षा पर अभी लागू नहीं होगा नियम

फिलहाल यह नया पैटर्न सिर्फ कक्षा 10वीं के छात्रों पर लागू होगा। कक्षा 12वीं के लिए अभी यह व्यवस्था नहीं की गई है।


📢 उद्देश्य क्या है?

CBSE के इस फैसले का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा में दबाव से मुक्ति देना है। अब वे किसी विषय में अगर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो एक और मौका मिल सकेगा, जिससे फेल होने की आशंका कम होगी और सुधार की संभावना बढ़ेगी।



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