कैट का बड़ा फैसला: आईपीएस विकास कुमार का निलंबन रद्द, तत्काल बहाली के निर्देश


बेंगलुरू। कर्नाटक में हाल ही में हुए चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ कांड के सिलसिले में निलंबित किए गए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने मंगलवार को उनके निलंबन आदेश को रद्द करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि उन्हें उनके पूर्व पद, वेतन भत्तों और सुविधाओं के साथ बहाल किया जाए।

📌 क्या था मामला?

घटना 3 जून को बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास घटी थी, जब आईपीएल 2024 में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान भारी भीड़ उमड़ी और अव्यवस्था के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए आईपीएस विकास कुमार को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था।

⚖️ न्यायाधिकरण में चुनौती

विकास कुमार ने अपने निलंबन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ध्यान चिन्नप्पा ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि यह निलंबन न तो उचित प्रक्रिया के तहत किया गया था और न ही इसके पीछे ठोस आधार थे।

दूसरी ओर, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) ने न्यायाधिकरण से थोड़ा और समय मांगा ताकि वे अपना पक्ष मजबूती से रख सकें। लेकिन कैट ने यह याचिका अस्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई पूरी की।

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📑 कैट का निर्णय

न्यायमूर्ति बी.के. श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति संतोष मेहरा की दो सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निलंबन आदेश प्रक्रिया की मूलभूत शर्तों को पूरा नहीं करता, और इसे प्रशासनिक सिद्धांतों के विरुद्ध पाया गया।

इसलिए पीठ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि:

  • विकास कुमार को उनके पूर्व पद पर तत्काल बहाल किया जाए।
  • उन्हें वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं पूर्ववत रूप में उपलब्ध कराई जाएं।

🧩 निर्णय का असर

यह फैसला राज्य प्रशासन के लिए एक झटका माना जा रहा है, जो घटना की राजनीतिक और जन प्रतिक्रिया के दबाव में तेज़ निर्णय ले रहा था। वहीं विकास कुमार के लिए यह फैसला न केवल पद बहाली का मार्ग खोलता है, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा को भी आंशिक रूप से बहाल करता है।