नई दिल्ली। भारत के व्यापारिक समुदाय ने तुर्किए और अजरबैजान के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल दिया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को इन दोनों देशों के साथ सभी व्यापारिक और पर्यटन संबंधों को समाप्त करने का फैसला किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब तुर्किए और अजरबैजान भारत के विरोध में पाकिस्तान का खुला समर्थन कर रहे हैं, जबकि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा संकट के दौर से गुजर रहा है।
24 राज्यों के व्यापारी संगठनों ने लिया सामूहिक संकल्प
नई दिल्ली के होटल ललित में आयोजित राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में 24 राज्यों से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारी नेताओं ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता दर्शाने और राष्ट्रविरोधी ताकतों का विरोध करने के संकल्प के तहत लिया गया है।
इस सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, स्वदेशी जागरण मंच के कश्मीरी लाल और अश्विनी महाजन सहित कई प्रमुख व्यापारी नेता उपस्थित रहे।
बहिष्कार के प्रमुख निर्णय
- तुर्किए और अजरबैजान से हर प्रकार का आयात-निर्यात बंद किया जाएगा।
- व्यापार, पर्यटन और फिल्म शूटिंग जैसे सभी व्यावसायिक रिश्तों को समाप्त किया जाएगा।
- भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से अपील की गई है कि इन देशों में शूट की गई फिल्मों का बहिष्कार किया जाए।
- कोई कॉरपोरेट हाउस अब तुर्किए-अजरबैजान में अपने ब्रांड प्रमोशन के लिए शूटिंग नहीं करेगा।
- इन देशों की कंपनियों के साथ निर्यातक, आयातक और प्रतिनिधिमंडल कोई साझेदारी नहीं करेंगे।
कैट ने सरकार से की नीतिगत समीक्षा की मांग
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि विदेश मंत्रालय और उद्योग मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें मांग की जाएगी कि भारत इन दोनों देशों के साथ सभी आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों की नीति-स्तरीय समीक्षा करे।
गाजियाबाद-नोएडा में दिखा असर, आभूषणों और फल का बहिष्कार
गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के ज्वेलर व्यापारियों ने ऐलान किया है कि अब वे तुर्किए के सोने-चांदी से बने आभूषण या अन्य उत्पाद नहीं बेचेंगे। वहीं, साहिबाबाद सब्जी मंडी में व्यापारियों ने तुर्किए से आयातित फल बेचना बंद कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि इससे तुर्किए की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा और यह भारत के प्रति उसकी विरोधी नीति का जवाब होगा।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
कैट के नेताओं ने कहा कि तुर्किए और अजरबैजान ने भारत से मिली सद्भावना और कूटनीतिक समर्थन का दुरुपयोग किया और संकट की घड़ी में पाकिस्तान जैसे आतंकी समर्थक देश का साथ दिया। ऐसे में भारत के व्यापारिक समुदाय का यह दायित्व है कि वह राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए इन देशों का बहिष्कार करे।
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