• निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक व्यवहार का आश्वासन मिले तो वे भारत लौटने को तैयार

नई दिल्ली। लंबे समय से भारत से फरार और आर्थिक अपराधों में वांछित उद्योगपति विजय माल्या एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर राज शमानी के पॉडकास्ट में खुलकर बातचीत की और अपनी छवि, अतीत और भारत वापसी को लेकर स्पष्ट बातें कहीं। उन्होंने कहा, “भगोड़ा कहिए, लेकिन मैं चोर नहीं हूं।” माल्या ने पहली बार सार्वजनिक रूप से किंगफिशर एयरलाइंस की विफलता पर माफी भी मांगी और कहा कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक व्यवहार का आश्वासन मिले तो वे भारत लौटने को तैयार हैं।

कर्मचारियों से माफी, लेकिन अपराध से इनकार

पॉडकास्ट में माल्या ने कहा, “मैं किंगफिशर की असफलता की जिम्मेदारी लेता हूं और इसके लिए माफी चाहता हूं। हालात बहुत कठिन थे, जितना लोगों को बताया गया उससे कहीं ज्यादा।” हालांकि, उन्होंने किसी भी आपराधिक इरादे से इनकार किया और खुद को 'चोरी करने वाला' कहे जाने पर ऐतराज़ जताया।

भारत वापसी पर रखीं दो बड़ी शर्तें

माल्या ने साफ कहा, “अगर मुझे निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन की गारंटी दी जाए, तो मैं भारत लौटने पर विचार करूंगा। मैं भागा नहीं, पहले से तय यात्रा पर गया था। हां, मैंने लौटने का फैसला नहीं किया, लेकिन इसके पीछे मेरे अपने कारण हैं।” उनके मुताबिक, भारत में उन्हें मीडिया ट्रायल और सरकारी एजेंसियों के पूर्वग्रह से भरे व्यवहार का डर है।

बैंकों से अधिक वसूली का दावा, भेदभाव का आरोप

माल्या ने दावा किया कि बैंकों ने उनसे दिए गए 6,203 करोड़ रुपये के लोन के बदले 14,100 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है। फिर भी उन्हें लगातार आर्थिक अपराधी के रूप में पेश किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि अन्य डिफॉल्टरों को राहत मिल रही है लेकिन उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। गौरतलब है कि विजय माल्या 2016 से यूनाइटेड किंगडम में हैं और भारत सरकार के प्रत्यर्पण प्रयासों का विरोध करते आए हैं। ब्रिटेन की अदालतों में मामला लंबा खिंच रहा है।

क्या माल्या की वापसी संभव है?

हालांकि माल्या की ये शर्तें कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकतीं, लेकिन उनके ताजा बयानों ने फिर से भारत की वित्तीय जांच एजेंसियों और न्यायिक प्रक्रिया को चर्चा में ला दिया है। ऐसे में देखना होगा कि भारत सरकार इस घटनाक्रम पर क्या रुख अपनाती है और क्या माल्या वास्तव में न्यायिक व्यवस्था का सामना करने भारत लौटते हैं या नहीं।