October 28, 2025 5:03 PM

सूर्य नमस्कार की आड़ में नमाज पढ़ाने के आरोप में शिक्षक निलंबित, बुरहानपुर में मचा बवाल

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बुरहानपुर में सूर्य नमस्कार की आड़ में नमाज पढ़ाने का आरोप, शिक्षक निलंबित

बुरहानपुर में हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद प्रशासन की सख्त कार्रवाई, जांच जारी

बुरहानपुर । मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक पर सूर्य नमस्कार की आड़ में छात्रों से नमाज जैसी गतिविधि करवाने का आरोप लगने के बाद मामला गरमा गया है। इस विवाद ने शिक्षा जगत से लेकर राजनीतिक हलकों तक हलचल मचा दी है। आरोपित शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

मामला शाहपुर थाना क्षेत्र के देवहारी गांव के शासकीय माध्यमिक विद्यालय का है। यहां तैनात शिक्षक जाबूर तड़वी पर आरोप है कि उन्होंने योग और सूर्य नमस्कार सत्र के दौरान हिंदू छात्रों को नमाज जैसे आसन करवाए। इस पर अभिभावकों और ग्रामीणों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। देखते ही देखते यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।

प्रदर्शनकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी से शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। संगठन के सदस्यों का आरोप है कि विद्यालय में योग शिक्षा के नाम पर धार्मिक प्रथाएं लागू करने की कोशिश की जा रही है, जो कि न केवल अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ भी है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल की मौजूदगी में स्थिति को नियंत्रित किया गया।

शिक्षक ने लगाया गलतफहमी का आरोप
आरोपित शिक्षक जाबूर तड़वी ने स्वयं पर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी भी छात्र को नमाज नहीं पढ़ाई, बल्कि योग सत्र में ‘शशांकासन’ करवाया था, जो योग का एक सामान्य आसन है। उन्होंने कहा कि संभवतः कुछ अभिभावकों ने इस आसन की मुद्रा को देखकर गलतफहमी में इसे नमाज समझ लिया। “मैं एक शिक्षक हूं, और स्कूल में केवल योग और शारीरिक शिक्षा की गतिविधियां ही कराता हूं,” तड़वी ने कहा।

प्रशासन ने की तत्पर कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य ने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को मामले की सूचना दी। इसके बाद डीईओ ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की। टीम ने विद्यालय पहुंचकर प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की और संबंधित शिक्षक को निलंबित कर दिया गया।

अतिरिक्त कलेक्टर वीर सिंह चौहान ने पुष्टि करते हुए कहा, “हमें मामले की जानकारी मिली थी। प्राथमिक जांच में आरोप गंभीर पाए गए हैं। इसीलिए शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। विस्तृत जांच जारी है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पर नजर
देवहारी गांव और आसपास के क्षेत्रों में इस प्रकरण को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं शिक्षा के माहौल को खराब करती हैं, वहीं कुछ लोग मानते हैं कि बिना पूरी जांच के किसी शिक्षक को दोषी ठहराना जल्दबाज़ी होगी। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बने।

राजनीतिक हलचल भी तेज़
घटना के बाद स्थानीय राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं ने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों की शिक्षा पर धार्मिक प्रभाव डालती हैं और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। वहीं कुछ अन्य लोगों का कहना है कि यह मामला गलतफहमी का परिणाम भी हो सकता है, इसलिए निष्पक्ष जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाए।

जांच रिपोर्ट के बाद होगी अगली कार्रवाई
जिला प्रशासन ने कहा है कि जांच टीम दो दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि शिक्षक ने योग के नाम पर धार्मिक गतिविधि कराई थी या नहीं। फिलहाल शिक्षक का निलंबन जारी रहेगा और जब तक जांच पूरी नहीं होती, उन्हें स्कूल से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

इस पूरे प्रकरण ने राज्यभर के शिक्षण संस्थानों में योग और शारीरिक शिक्षा की गतिविधियों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी गतिविधि का स्वरूप ऐसा न हो जो किसी समुदाय की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा प्रतीत हो।


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