- अहमदाबाद के चंदोला झील क्षेत्र में बड़ी बुलडोज़र कार्रवाई शुरू की
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर अहमदाबाद के चंदोला झील क्षेत्र में बड़ी बुलडोज़र कार्रवाई शुरू की है। मंगलवार सुबह शुरू हुए इस अभियान में अब तक करीब 2000 से अधिक अवैध मकान और दुकानें जमींदोज की जा चुकी हैं। प्रशासन ने इसे ‘सुनियोजित और निर्णायक कार्रवाई’ बताया है, जिसमें 3000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कार्रवाई की शुरुआत सुबह 6:30 बजे की गई, जिसमें 50 बुलडोजर, 50 डंपर और 25 हाइड्रोलिक मशीनें लगाई गईं। मौके पर पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच, SOG, साइबर क्राइम और SRP की टीमें भी सक्रिय रूप से निगरानी कर रही हैं।
29 अप्रैल को हुई थी पहली कार्रवाई, 243 बांग्लादेशी की पहचान
इस क्षेत्र में पहले चरण की कार्रवाई 29 अप्रैल को हुई थी, जिसमें पांच दिनों तक 500 से अधिक ढांचों को गिराया गया था। उसी दौरान 890 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया था। जांच के बाद इनमें से 243 की पहचान बांग्लादेशी नागरिकों के रूप में हुई, जिनमें से 143 को वापस बांग्लादेश डिपोर्ट किया जा चुका है।
क्यों बदनाम है चंदोला झील क्षेत्र
अहमदाबाद के दाणीलीमडा रोड के पास स्थित चंदोला झील और आसपास का इलाका ‘मिनी बांग्लादेश’ के नाम से कुख्यात है। यह इलाका लगभग 1200 हेक्टेयर में फैला है और यहां अवैध निर्माण, फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए बसाए गए बांग्लादेशी, और आपराधिक गतिविधियों की भरमार रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, क्षेत्र की गलियां इतनी संकरी और गंदी हैं कि वहां से पैदल चलना भी मुश्किल है।
अवैध बसावट का मास्टरमाइंड: लल्ला बिहारी
पुलिस जांच में सामने आया है कि लल्ला बिहारी, जो मूल रूप से अजमेर का रहने वाला है, इस अवैध नेटवर्क का मुख्य सरगना है। वह बांग्लादेशियों से 10-12 लाख रुपए लेकर उन्हें बसाने, रहने के लिए शेड, दुकान, गोदाम और फर्जी दस्तावेज़ तैयार करवाने का काम करता था। लल्ला ने इसके लिए बाकायदा “सेट पैकेज” तैयार किया हुआ था जिसमें नौकरी और आधार जैसे नकली दस्तावेज़ भी शामिल थे।
स्थानीय लोग भी परेशान
बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या से यहां रहने वाले स्थानीय भारतीय मुसलमानों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सामाजिक संतुलन और कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ने लगी थी, जिससे स्थानीय प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था।