जब मन अशांत हो, तो धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए – यही बुद्ध का मूल संदेश है
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वेसाक भी कहा जाता है, बुद्ध धर्म के अनुयायियों और विश्वभर के आध्यात्म प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण (मृत्यु) तीनों घटनाओं की स्मृति में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पावन दिन 12 मई को मनाया जाएगा।
गौतम बुद्ध ने जीवन को समझने और दुखों से छुटकारा पाने का जो मार्ग दिखाया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उनके उपदेश आत्मिक शांति, करुणा और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं। जब जीवन में मानसिक उथल-पुथल हो, तो बुद्ध की शिक्षाएं रास्ता दिखाने वाली होती हैं।

✨ गौतम बुद्ध की 10 अनमोल सीखें जो जीवन को बना सकती हैं बेहतर:
- “धैर्य ही सबसे बड़ा बल है।”
जब मन अशांत हो या जीवन में कठिनाइयाँ हों, तब धैर्य ही हमें टूटने से बचाता है। - “हम जो सोचते हैं, वही बनते हैं।”
सकारात्मक विचार ही हमें सुखद जीवन की ओर ले जाते हैं। - “क्रोध को प्रेम से, बुराई को अच्छाई से, लोभ को दान से और झूठ को सत्य से जीता जा सकता है।”
यह सीख आत्मविकास और समाजिक सद्भाव की कुंजी है। - “हर सुबह हम पुनः जन्म लेते हैं। आज हम क्या करते हैं, यही सबसे अधिक मायने रखता है।”
बीते समय को छोड़कर वर्तमान में जीना बुद्ध का प्रमुख संदेश है। - “अपने दीपक स्वयं बनो।”
आत्मनिर्भरता और आत्मज्ञान को ही बुद्ध ने सच्चा मार्ग बताया। - “दुख है, दुख का कारण है, दुख का अंत है और दुख से मुक्ति का मार्ग है।”
यह चार आर्य सत्य जीवन के हर कष्ट का समाधान देते हैं। - “बिना स्वास्थ्य के जीवन, जीवन नहीं होता – यह केवल दुःख का एक रूप है।”
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बुद्ध की सीखों का हिस्सा है। - “नफरत से नफरत नहीं मिटती, प्रेम से ही नफरत का अंत होता है।”
यह सीख आज के समाज में विशेष रूप से प्रासंगिक है। - “जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, वैसे ही मनुष्य बिना आध्यात्मिक जीवन के नहीं जी सकता।”
आंतरिक शांति और साधना को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। - “संपत्ति नहीं, बल्कि संतोष ही सच्चा धन है।”
अत्यधिक इच्छाएं ही दुखों का कारण हैं; संतोष में ही सुख है।
📿 बुद्ध पूर्णिमा पर क्या करें:
- गौतम बुद्ध की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और प्रार्थना करें।
- मौन साधना या ध्यान करें।
- किसी ज़रूरतमंद को भोजन या वस्त्र दान करें।
- आज के दिन अहिंसा, करुणा और संयम का पालन विशेष रूप से करें।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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