श्रीनगर। पाकिस्तान की ओर से हाल ही में हुई घुसपैठ और हमलों के जवाब में सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वीरगाथा अब स्थायी रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों की पहचान का हिस्सा बनने जा रही है। मंगलवार को बीएसएफ की ओर से एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई कि जम्मू के सांबा सेक्टर में एक अग्रिम पोस्ट का नाम ‘सिंदूर पोस्ट’ रखा जाएगा। इसके अलावा ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों के नाम पर दो अन्य पोस्टों के नामकरण का प्रस्ताव भी सामने रखा गया है।
वीरों की स्मृति को अमर करेगी बीएसएफ
बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के आईजी शशांक आनंद ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महिला जवानों ने भी अग्रिम चौकियों पर मोर्चा संभालते हुए दुश्मन को जवाब दिया, जो अपने-आप में एक ऐतिहासिक क्षण था। इस कार्रवाई में बीएसएफ और भारतीय सेना को कुछ अपूरणीय क्षतियाँ भी झेलनी पड़ीं।
- सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज (BSF)
- कांस्टेबल दीपक कुमार (BSF)
- नायक सुनील कुमार (भारतीय सेना)
इन वीर जवानों ने पाकिस्तानी ड्रोन हमलों और गोलाबारी का बहादुरी से सामना करते हुए वीरगति प्राप्त की।

“सिंदूर” – शौर्य और मातृभूमि के प्रति समर्पण का प्रतीक
आईजी शशांक आनंद ने बताया कि जिस पोस्ट पर महिला जवानों ने अग्रिम पंक्ति में रहते हुए दुश्मन का सामना किया, उसका नाम ‘सिंदूर पोस्ट’ रखने का प्रस्ताव इसलिए रखा गया है क्योंकि यह ‘सिंदूर’ शब्द मातृभूमि और नारीशक्ति दोनों का प्रतीक है। उन्होंने कहा –
“सिंदूर केवल एक श्रृंगार नहीं, बल्कि बलिदान, कर्तव्य और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। इस नाम से हम अपने उन महिला जवानों को सम्मानित करना चाहते हैं जिन्होंने सीमाओं की रक्षा में भाग लिया।”
वीरों के नाम से जिएंगी पोस्टें
बीएसएफ का प्रस्ताव है कि शहीद सब-इंस्पेक्टर इम्तियाज और कांस्टेबल दीपक कुमार के नाम पर अन्य दो पोस्टों का नामकरण किया जाए।
यह कदम न केवल शहीदों की स्मृति को जीवंत रखने का प्रयास है, बल्कि नई पीढ़ी के सुरक्षाबलों को प्रेरणा देने का भी स्रोत बनेगा।
ऑपरेशन सिंदूर: महिला शक्ति की वीरगाथा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सुरक्षा बलों की एक सटीक, सामरिक और साहसिक सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें पहली बार महिला बीएसएफ जवानों को अग्रिम चौकियों पर मोर्चे पर तैनात किया गया।
पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से की गई घुसपैठ की कोशिशों को बीएसएफ और सेना ने मिलकर नाकाम किया, और साथ ही कई संदिग्ध लॉन्च पैड्स को भी ध्वस्त किया गया।
रणनीतिक संदेश
बीएसएफ के इस निर्णय को एक सामरिक और मनोवैज्ञानिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है — जहां सैनिकों के बलिदान को सीमाओं पर अमर किया जाएगा, वहीं यह दुश्मन को भी यह संदेश देगा कि भारत हर मोर्चे पर सजग और सशक्त है।
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