नई दिल्ली :भारतीय उपमहाद्वीप में बदलते कूटनीतिक समीकरणों के बीच बीते दिनों दो अहम घटनाएं घटीं—पहली, भारत-पाकिस्तान सीमा से एक बीएसएफ जवान की वापसी, और दूसरी, भारत-चीन संबंधों में बढ़ता तनाव। जहां एक ओर पाकिस्तान ने मानवता दिखाते हुए गलती से सीमा पार करने वाले भारतीय जवान को लौटा दिया, वहीं दूसरी ओर चीन ने अपनी आक्रामक नीति जारी रखते हुए अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदल दिए, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ की वापसी
23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे। पाक रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। हालांकि, दोनों देशों के बीच सीज़फायर समझौते और द्विपक्षीय सैन्य संवाद के तहत पाकिस्तान ने पूर्णम कुमार शॉ को सुरक्षित भारत वापस लौटा दिया। वह अटारी बॉर्डर से भारत लौटे, जहां बीएसएफ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद नाजुक दौर में हैं, लेकिन जवान की वापसी को सीमित विश्वास बहाली के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

चीनी प्रोपेगेंडा पर भारत की सख्त कार्रवाई
वहीं दूसरी ओर चीन के सरकारी प्रोपेगेंडा चैनल ‘ग्लोबल टाइम्स’ के एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट को भारत सरकार ने ब्लॉक कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब इस हैंडल पर भारतीय सेना और “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर अपुष्ट और भ्रामक दावे किए जा रहे थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय और चीन में भारतीय दूतावास दोनों ने सख्त रुख अपनाते हुए चेताया कि बिना तथ्य पुष्टि के किसी भी तरह की जानकारी साझा करना पत्रकारिता की नैतिकता के खिलाफ है। दूतावास ने अपनी पोस्ट में कहा—
“ग्लोबल टाइम्स न्यूज, हम आपको सलाह देंगे कि इस तरह की गलत सूचना को आगे बढ़ाने से पहले आप अपने तथ्यों को सत्यापित कर लें और अपने स्रोतों की जांच कर लें।”
भ्रामक तस्वीर और पीआईबी फैक्ट चेक
ग्लोबल टाइम्स और पाकिस्तान समर्थक हैंडल्स ने यह दावा किया था कि भारतीय वायुसेना का राफेल फाइटर जेट बहावलपुर के पास गिराया गया है। इस पर भारत सरकार की फैक्ट चेक यूनिट PIB Fact Check ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और वायरल हो रही तस्वीर को खारिज कर दिया। PIB ने स्पष्ट किया कि यह तस्वीर 2021 में पंजाब के मोगा में हुए एक मिग-21 क्रैश की है, न कि किसी हालिया घटना की।
अरुणाचल प्रदेश के नाम बदलने पर भारत का विरोध
इन सबके बीच चीन ने एक बार फिर अपनी विस्तारवादी नीति के तहत अरुणाचल प्रदेश के 30 से अधिक स्थानों के नाम बदल दिए, और उन्हें दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताया। भारत सरकार ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा—
“अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। चीन द्वारा नामकरण की यह कवायद न तो पहली बार है, न ही इसका कोई प्रभाव है। हम इसे स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।”
भारत ने यह भी कहा कि चीन के इस व्यवहार से दोनों देशों के बीच पहले से तनावग्रस्त रिश्तों में और भी दरार आ सकती है।
जहां एक ओर पाकिस्तान की ओर से जवान को लौटाना सीमित सद्भावना का संकेत है, वहीं चीन की हरकतें भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए चुनौती बनती जा रही हैं। भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रोपेगेंडा और विस्तारवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगा।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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