PM मोदी ने उठाई नई वैश्विक व्यवस्था की मांग; ट्रंप ने दी 10% टैरिफ की धमकी

BRICS सम्मेलन में आतंकवाद की निंदा, मोदी ने उठाई नई विश्व व्यवस्था की मांग

रियो डी जनेरियो/नई दिल्ली/वॉशिंगटन। ब्राजील के रियो डी जनेरियो में रविवार को सम्पन्न हुए 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने एक 31 पेज और 126 बिंदुओं वाला साझा घोषणापत्र जारी किया। इस दस्तावेज में आतंकवाद, वैश्विक आर्थिक व्यवस्था, तकनीकी सहयोग और जलवायु संकट जैसे प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। सबसे खास बात रही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ईरान पर इजराइली हमले की कड़ी निंदा।

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सम्मेलन के बीच BRICS के विस्तार को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश BRICS की अमेरिका विरोधी नीतियों में शामिल होता है, तो उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।

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पहलगाम हमले को लेकर BRICS और क्वाड दोनों मंचों से निंदा

BRICS देशों ने अपने संयुक्त घोषणापत्र में बिना किसी पक्षपात के भारत में हुए पहलगाम आतंकी हमले की आलोचना की। इससे पहले 1 जुलाई को हुई क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की बैठक में भी इस हमले की निंदा की गई थी।

PM मोदी ने BRICS मंच से इस मुद्दे को उठाते हुए कहा:

"यह हमला सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत पर चोट है। आतंकवाद की निंदा सिद्धांत से होनी चाहिए, सुविधा से नहीं।"


PM मोदी का बड़ा बयान: 20वीं सदी की संस्थाएं अब अप्रासंगिक

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में मौजूदा वैश्विक संस्थानों की पुरानी सोच और निष्क्रियता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी में बनाई गई संस्थाएं अब 21वीं सदी की तेजी से बदलती चुनौतियों को नहीं संभाल पा रही हैं।

“जब टेक्नोलॉजी हर हफ्ते अपडेट हो रही है, तब ऐसे ग्लोबल इंस्टिट्यूट जो 80 साल में एक बार भी अपडेट नहीं होते, वे अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं। 20वीं सदी का टाइपराइटर, 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर नहीं चला सकता।”

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PM मोदी के संबोधन की 6 प्रमुख बातें

  1. BRICS की असली ताकत उसकी विविधता
    – अलग-अलग सोच वाले देशों का एक मंच पर आना, बहुध्रुवीय दुनिया की असली पहचान है।
  2. न्यू डेवलपमेंट बैंक को विवेकपूर्ण निवेश करना चाहिए
    – बैंक को ऐसे प्रोजेक्ट्स में निवेश करना चाहिए जो दीर्घकालिक, सतत और विश्वसनीय हों।
  3. साझा BRICS रिसर्च सेंटर का प्रस्ताव
    – विज्ञान, तकनीक और रिसर्च में सहयोग के लिए साझा प्लेटफॉर्म बनाने की मांग।
  4. संसाधनों का दुरुपयोग न हो
    – किसी भी देश को अपने फायदे के लिए संसाधनों को हथियार की तरह इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं।
  5. डिजिटल कंटेंट पर निगरानी जरूरी
    – फेक कंटेंट और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम का सुझाव।
  6. भारत में होगा AI इम्पैक्ट समिट
    – जल्द ही भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

ट्रंप की धमकी: BRICS से जुड़ने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS के रुख को “अमेरिका विरोधी” बताते हुए अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा:

“जो भी देश BRICS की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ेंगे, उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इसमें किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी।”

ट्रंप का यह बयान BRICS घोषणापत्र के उस हिस्से के बाद आया जिसमें बढ़ते टैरिफ और व्यापार बाधाओं पर चिंता जताई गई थी। घोषणापत्र में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के खिलाफ एकतरफा टैरिफ को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार के लिए खतरा बताया गया। हालांकि अमेरिका का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया।


BRICS की थीम और वैश्विक संकेत

इस वर्ष के BRICS सम्मेलन की थीम थी:
“समावेशी और टिकाऊ वैश्विक शासन के लिए ग्लोबल साउथ का सहयोग।”

सम्मेलन में मूल 5 देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के अलावा ईरान, इथियोपिया, मिस्र, इंडोनेशिया और यूएई जैसे नए सदस्य भी शामिल हुए।

BRICS का यह रुख साफ संकेत देता है कि अब विकासशील और उभरते देश वैश्विक निर्णयों में अपनी भूमिका और भागीदारी को और मजबूत करना चाहते हैं।



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