देश में अधोसंरचना क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम
भारत में अधोसंरचना विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे पहली बार चार-लेन सड़क सुरंग बनने जा रही है। यह सुरंग असम के गोहपुर और नुमालीगढ़ को जोड़ेगी, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय साढ़े छह घंटे से घटकर मात्र 30 मिनट रह जाएगा। यह सुरंग न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
परियोजना का स्वरूप
- स्थान: गोहपुर से नुमालीगढ़ (असम)
- लंबाई: लगभग 15.6 किलोमीटर
- लागत: लगभग 12,800 करोड़ रुपये
- निर्माण अवधि: लगभग 5 वर्ष
परियोजना के प्रमुख लाभ
- यात्रा का समय साढ़े छह घंटे से घटकर 30 मिनट होगा।
- अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से संपर्क बढ़ेगा।
- क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- रक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
सुरंग का निर्माण और तकनीकी विशेषताएं
यह सुरंग ट्विन-ट्यूब तकनीक पर आधारित होगी, जो अत्याधुनिक इंजीनियरिंग और डिजाइन का उपयोग कर बनाई जाएगी। यह संरचना आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए भी पूरी तरह सक्षम होगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में लोकसभा में इस परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा चुकी है और राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम (NHIDCL) द्वारा तकनीकी मूल्यांकन किया गया है। परियोजना के तहत ठेके का आवंटन होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा, जिसकी समय सीमा पांच वर्ष रखी गई है।
भारत में अधोसंरचना विकास की नई तस्वीर
भारत में अधोसंरचना क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यदि हम 2014 से पहले और 2014 के बाद के संदर्भ में विकास की तुलना करें, तो कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलते हैं:
सड़क और राजमार्ग
- भारतमाला परियोजना के तहत 34,800 किमी लंबे राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है।
- वर्तमान में सड़क निर्माण की गति बढ़कर 30-35 किमी प्रतिदिन हो गई है।
रेलवे क्षेत्र
- रेलवे विद्युतीकरण को गति मिली है, और 2023 तक लगभग 85% रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है।
- वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों की शुरुआत की गई।
- मालगाड़ियों के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर विकसित किए गए।
बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स
- सागरमाला परियोजना के तहत बंदरगाहों का आधुनिकीकरण किया गया।
- भारत की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स रैंकिंग में सुधार हुआ और 2023 में 38वें स्थान पर पहुंच गया।
हवाई अड्डे और विमानन क्षेत्र
- ‘उड़ान’ योजना से छोटे शहरों को हवाई कनेक्टिविटी मिली।
- 2014 में भारत में 74 कार्यशील हवाई अड्डे थे, जो 2023 में बढ़कर 148 हो गए।
- भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन चुका है।
ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनने वाली यह सुरंग भारत में अधोसंरचना क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। यह पूर्वोत्तर राज्यों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी और इस क्षेत्र के आर्थिक एवं रणनीतिक विकास में योगदान देगी। केंद्र सरकार की इस पहल से भारत में अधोसंरचना का एक नया युग शुरू होने जा रहा है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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