बीरभूम खदान हादसा: छह मजदूरों की मौत, पांच घायल, सुरक्षा पर उठे सवाल

बीरभूम। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शुक्रवार दोपहर पत्थर खदान में हुए हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। खदान का एक बड़ा हिस्सा अचानक भरभराकर गिर पड़ा, जिसमें वहां काम कर रहे मजदूर दब गए। अब तक छह मजदूरों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पांच मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों में से एक की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है, जिसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज रेफ़र किया गया है।

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कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोपहर लगभग 10 से 12 मजदूर खदान में पत्थर निकालने का काम कर रहे थे। अचानक तेज़ आवाज़ के साथ खदान की ऊपरी परत धंस गई और भारी भरकम चट्टानें मजदूरों पर गिर पड़ीं। मजदूरों को संभलने या बच निकलने का कोई मौका नहीं मिला और वे मलबे में दब गए।

त्वरित राहत और बचाव कार्य

घटना की जानकारी मिलते ही आसपास की खदानों के मजदूर और पुलिस मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत राहत कार्य शुरू किया गया। अब तक छह मजदूरों के शव मलबे से बाहर निकाले जा चुके हैं। घायल मजदूरों को पहले रामपुरहाट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल एक मजदूर को बर्दवान मेडिकल कॉलेज रेफ़र करना पड़ा।

पुलिस की प्रतिक्रिया

जिले के पुलिस अधीक्षक अमनदीप ने बताया कि हादसे की जांच जारी है और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि खदान धंसने की वजह क्या थी। उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर अब तक छह लोगों की मौत की जानकारी मिली है। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि मृतकों की संख्या और अधिक हो सकती है, क्योंकि अभी भी मलबे में किसी के दबे होने की आशंका बनी हुई है।

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खदान सुरक्षा पर सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर खदानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से खदानों में काम करने की असुरक्षित परिस्थितियों को लेकर चिंता जता रहे थे। मजदूरों के परिवारों में कोहराम मच गया है और पूरे इलाके में मातम का माहौल है।

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जांच और भविष्य की कार्रवाई

पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। फिलहाल प्राथमिकता राहत और बचाव कार्य को पूरी तरह से संपन्न करने की है। अधिकारियों ने कहा कि मलबा हटाकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई और मजदूर अंदर फंसा तो नहीं है।