June 6, 2025 11:06 AM

UN प्रेसवार्ता में भुट्टो की किरकिरी: मुस्लिम पत्रकार ने भारत पर झूठे आरोपों पर रोका बोलना, वीडियो वायरल

बिलावल भुट्टो का झूठ UN में बेनकाब, मुस्लिम पत्रकार ने किया सवाल

बिलावल भुट्टो का झूठ UN में बेनकाब, मुस्लिम पत्रकार ने किया सवाल

न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो एक बार फिर भारत विरोधी बयानबाजी को लेकर चर्चा में हैं। इस बार मंच था संयुक्त राष्ट्र (UN) मुख्यालय, न्यूयॉर्क, जहां भुट्टो ने भारत के मुस्लिम समुदाय के प्रति कथित भेदभाव पर बयान देकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर सनसनी फैलाने की कोशिश की। लेकिन उनकी यह चाल उलटी पड़ गई, जब एक विदेशी मुस्लिम पत्रकार ने तथ्यों के साथ उन्हें घेर लिया और भुट्टो बिना जवाब दिए सिर झुकाकर चुप हो गए।


भुट्टो बोले— भारत मुस्लिमों को आतंकी की तरह पेश कर रहा है

बिलावल भुट्टो ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि “पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में मुस्लिमों को आतंकियों की तरह देखा जा रहा है। उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। भारत अब इज़राइल जैसी नीति अपना रहा है। मोदी सरकार नेतन्याहू की राह पर चल रही है।”

भुट्टो ने भारत पर यह भी आरोप लगाया कि वह शांति नहीं, बल्कि अशांति को बढ़ावा दे रहा है, और दुनिया को यह देखना चाहिए कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ क्या व्यवहार हो रहा है।


मुस्लिम महिला अधिकारी का नाम सुनते ही चुप हो गए भुट्टो

भुट्टो का यह बयान पूरी तरह राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित लग रहा था, लेकिन वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एक विदेशी मुस्लिम पत्रकार ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए भुट्टो के दावे को गलत साबित कर दिया। पत्रकार ने कहा—

“आप कह रहे हैं कि भारत मुस्लिमों को आतंकी की तरह पेश करता है, लेकिन भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आधिकारिक ब्रीफिंग एक मुस्लिम महिला अधिकारी ने की थी। क्या इससे यह नहीं स्पष्ट होता कि भारत में मुसलमानों को नेतृत्वकारी भूमिका मिल रही है?”

पत्रकार का यह सवाल सुनकर भुट्टो एकदम चुप हो गए और कोई जवाब नहीं दे सके। वह सिर झुकाकर केवल हां में सिर हिलाते रह गए। इस वाकये का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें भुट्टो की असहजता और झेंप साफ नजर आ रही है।


भुट्टो ने भारत के खिलाफ और क्या-क्या कहा

प्रेस वार्ता में बिलावल भुट्टो ने अपने बयान में कहा कि “भारत इस समय एक खतरनाक रास्ते पर है। वहां की सरकार मुसलमानों को आतंकवाद से जोड़कर दुनिया के सामने पेश कर रही है। भारत की नीतियां इस्राइली पैटर्न पर आधारित हैं, जो क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ा रही हैं।” उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से करते हुए उन्हें “कॉपीकैट” कहा।

हालांकि, भुट्टो ने एक विरोधाभासी बयान देते हुए यह भी कहा कि “पाकिस्तान अब भी भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करना चाहता है।” उन्होंने सुझाव दिया कि ISI और R\&AW (रॉ) अगर मिलकर काम करें, तो दोनों देशों में आतंकवाद पर लगाम लग सकती है।


दोहरी चाल या कूटनीतिक विफलता?

विश्लेषकों का मानना है कि बिलावल भुट्टो का यह बयान एक बार फिर दर्शाता है कि पाकिस्तान की विदेश नीति अब भी भारत विरोध पर टिकी हुई है, भले ही उसके पास तथ्य हों या नहीं। भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भी भुट्टो मुस्लिम विरोधी कार्रवाई बताने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इसके प्रमुख अधिकारियों में मुस्लिम अफसर भी शामिल रहे हैं।


सोशल मीडिया पर भुट्टो की किरकिरी

इस घटनाक्रम का वीडियो जैसे ही सामने आया, सोशल मीडिया पर भुट्टो की जमकर आलोचना शुरू हो गई। भारत के यूजर्स के साथ-साथ कई विदेशी मुस्लिमों ने भी भुट्टो को ‘पाखंडी’ और ‘झूठा प्रचारक’ बताया। एक यूजर ने लिखा— “जो अपने देश में अल्पसंख्यकों को न्याय नहीं दे सकता, वो दूसरों को उपदेश कैसे दे सकता है?”


बिलावल भुट्टो द्वारा भारत पर लगाए गए आरोप आधारहीन साबित हुए और प्रेस वार्ता में ही झूठ उजागर हो गया। इस घटनाक्रम ने न केवल पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंच पर साख पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारत विरोधी एजेंडे के पीछे जब सच्चाई नहीं होती, तो जवाब भी नहीं होते।



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