रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में जहरीली महुआ शराब के सेवन से सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि चार की हालत गंभीर बनी हुई है। ये सभी लोग कोनी थाना क्षेत्र के लोफंदी गांव के निवासी थे। मृतकों में ग्राम सरपंच का भाई भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटनाक्रम: पहले समझी गई सामान्य मौतें
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को पहली मौत हुई, जिसके बाद गुरुवार को दो और लोगों की जान चली गई। परिवारवालों ने इसे सामान्य बीमारी समझकर अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन शुक्रवार रात जब एक साथ चार और लोगों की मौत हुई, तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इसके बाद खुलासा हुआ कि मृतकों ने कुछ दिनों से महुआ की शराब पी थी।
मृतकों की पहचान
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मरने वालों की पहचान दल्लु पटेल, बलदेव पटेल, शत्रुघन देवांगन, कोमल देवांगन उर्फ नानू, कन्हैया पटेल, कोमल लहरे और रामु सुनहले के रूप में हुई है। इनमें से रामु सुनहले गांव के सरपंच रामाधार का भाई था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संदेह जताया है कि मौतें जहरीली शराब के कारण हुई हैं, लेकिन असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी। फिलहाल, चार अन्य गंभीर मरीजों का इलाज बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में चल रहा है।
प्रशासन और पुलिस की जांच शुरू
घटना की गंभीरता को देखते हुए आबकारी विभाग और पुलिस की टीम गांव पहुंच गई है। थाना प्रभारी नवीन देवांगन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जायसवाल मौके पर मौजूद हैं और मामले की गहन जांच कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
ग्रामीणों में आक्रोश, अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध शराब के कारोबार पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस और आबकारी विभाग जल्द ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर सकता है।
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