बिक्रमजीत मजीठिया को नहीं मिली जमानत, अब 6 अगस्त को होगी सुनवाई
चंडीगढ़। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री व शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को मोहाली की अदालत से एक बार फिर राहत नहीं मिल सकी है। सोमवार को हुई सुनवाई में अदालत ने मामले को टालते हुए अगली तारीख 6 अगस्त निर्धारित की है। तब तक मजीठिया को पटियाला की नाभा जेल में ही रहना होगा।
विजिलेंस ने अमृतसर से किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि मजीठिया को विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी ज्ञात आय से कहीं अधिक संपत्ति जुटाई है। गिरफ्तारी के बाद से वे नाभा जेल में बंद हैं।
पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
बिक्रमजीत सिंह मजीठिया पहले भी विवादों में रह चुके हैं। वर्ष 2021 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था। उस केस को लेकर भी लंबी कानूनी प्रक्रिया चली थी।
कई वरिष्ठ अधिकारियों के बयान दर्ज
आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में अब तक पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय, ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर समेत छह लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं। जांच एजेंसियां मजीठिया की संपत्तियों और लेन-देन की गहन पड़ताल कर रही हैं।
जेल में नेताओं से मुलाकात पर भी विवाद
शिरोमणि अकाली दल ने मजीठिया की जेल में स्थिति को लेकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि उनके नेताओं को मजीठिया से जेल में मिलने नहीं दिया जा रहा है। हाल ही में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी।

जमानत व बैरक बदलने की याचिका लंबित
मजीठिया ने जमानत के साथ-साथ बैरक बदलने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। अदालत इस याचिका पर 6 अगस्त को ही सुनवाई करेगी। इसी दिन यह तय होगा कि मजीठिया को जमानत मिलेगी या उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा।
राजनीतिक दबाव या न्यायिक प्रक्रिया?
अकाली दल मजीठिया की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है, जबकि प्रशासन इसे कानून सम्मत जांच बता रहा है। यह मामला अब न सिर्फ कानूनी मोड़ पर है, बल्कि पंजाब की सियासत में भी गर्मागर्मी का विषय बना हुआ है।
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