बीजापुर में बड़ा आत्मसमर्पण: 66 लाख के इनामी 51 नक्सलियों ने छोड़ी हिंसा, लौटे मुख्यधारा में
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सरकारी मुहिम को बड़ी सफलता मिली है। जिले में सोमवार को कुल 51 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 9 महिला और 42 पुरुष नक्सली शामिल हैं। इनमें से 23 नक्सलियों पर कुल 66 लाख रुपये का इनाम घोषित था। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में यह आत्मसमर्पण पुलिस लाइन परिसर में हुआ।
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कई ऐसे सदस्य शामिल हैं जो पीएलजीए बटालियन, कंपनी नंबर 1, 2 और 5, और एरिया कमेटी के सक्रिय सदस्य थे। इनमें से 5 नक्सली 8 लाख रुपये के इनामी, 1 नक्सली 5 लाख रुपये का इनामी, 7 नक्सली 2 लाख रुपये के इनामी, और 7 नक्सली 1 लाख रुपये के इनामी थे। इन सभी का कुल इनाम 66 लाख रुपये था।
सक्रिय नक्सली भी हुए आत्मसमर्पण में शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में बुधराम पोटाम, मनकी कोवासी, हुंगी सोढ़ी, रविंद्र पुनेम और देवे करटाम जैसे कुख्यात नाम शामिल हैं, जिन पर पुलिस और सुरक्षा बल लंबे समय से नजर रखे हुए थे। ये सभी नक्सली माओवादी संगठन की मुख्य शाखा पीएलजीए बटालियन और स्थानीय संगठन स्क्वाड (एलओएस) से जुड़े थे।
इन नक्सलियों ने पिछले वर्षों में फायरिंग, आईईडी ब्लास्ट और आगजनी जैसी कई घटनाओं में भाग लिया था। इनके surrender के साथ ही बीजापुर और आसपास के इलाकों में नक्सल प्रभाव क्षेत्र में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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पुनर्वास नीति का असर
पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि यह आत्मसमर्पण सरकार की पुनर्वास नीति और संवाद आधारित रणनीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि “सरकार द्वारा शुरू की गई पुनर्वास नीति ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया है। अब नक्सलियों के परिवार भी चाहते हैं कि उनके सदस्य सामान्य जीवन व्यतीत करें।’’
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है। साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओं, शिक्षा, रोजगार और आवास जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी, ताकि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
‘संवाद और विकास से ही आएगी स्थायी शांति’
एसपी यादव ने कहा कि पुलिस प्रशासन अब संवाद, पुनर्वास और विकास के मार्ग को अपनाकर स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने शेष नक्सलियों से अपील की कि वे भ्रमित विचारधाराओं को त्यागकर समाज की मुख्यधारा में लौटें और शांति की प्रक्रिया में भाग लें।
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बीजापुर में बढ़ा आत्मसमर्पण का आंकड़ा
बीजापुर पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक 461 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके अलावा 138 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए और 485 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं वर्ष 2024 से अब तक कुल 650 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और 986 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। यह आंकड़ा बताता है कि क्षेत्र में नक्सल प्रभाव तेजी से घट रहा है और सरकार की नीतियां स्थानीय स्तर पर प्रभावी हो रही हैं।
नक्सल संगठन की कमर टूटी
विशेषज्ञों के अनुसार, इतने बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण से माओवादी संगठन की स्थानीय संरचना कमजोर पड़ गई है। पीएलजीए बटालियन और एरिया कमेटियों में सक्रिय कैडर की संख्या घटने से उनके भर्ती नेटवर्क और जनसंपर्क चैनल पर भी असर पड़ेगा। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आने वाले महीनों में नक्सली इलाकों में विकास और संवाद की प्रक्रिया और तेज होगी।
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राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि आत्मसमर्पण करने वालों को आवास, शिक्षा और रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा, ताकि वे पुनः किसी भी हिंसक गतिविधि की ओर न लौटें।
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